:राजकुमार मल:
भाटापारा- स्प्रिंकलर पाइप और स्प्रिंकलर नोजल में हल्की पूछ-परख निकलने लगी है।
डिमांड इसलिए बढ़ने की संभावना है क्योंकि दोनों की कीमतें बीते साल जैसी ही है।
जल संवर्धन ही नहीं, जल संरक्षण पर भी खास ध्यान दे रहा है इस बरस ग्रामीण क्षेत्र।
ऐसे में कुएं, तालाब, जलाशय और बोरवेल लबालब हैं। खरीफ फसल की कटाई शुरू ही हुई है,
साथ ही रबी की भी तैयारी चालू कर रहे हैं किसान। शुरुआत पाइप और नोजल से
की जा रही क्योंकि दोनों की जरूरत अंत तक होगी।

इसलिए बेहतर मांग की धारणा
स्प्रिंकलर पाइप 380 से 750 रुपए पर खरीदे जा सकेंगे। बीते बरस भी इसी कीमत पर मिल रहे थे स्प्रिंकलर पाइप। इसी तरह 110 से 450 रुपए की दर पर स्प्रिंकलर नोजल उपलब्ध होगा। इसमें भी कोई वृद्धि नहीं हुई है। रबी फसल की शुरुआती तैयारी के बीच जिस अंदाज में पूछ-परख हो रही है, उससे बेहतर मांग की धारणा को बल मिल रहा है।
हैं गंभीर, जल संवर्धन और संरक्षण पर
ग्रामीण क्षेत्रों में नया परिवर्तन यह देखा जा रहा है कि ‘जितनी जरुरत उतना ही उपयोग’। इस एक सोच ने जलाशय, तालाब और कुओं को लबालब किया हुआ है। भूजल दोहन सिर्फ घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इससे भूजल गिरावट की संभावना कम से कम रबी फसल के अंतिम दिन तक नहीं होगी। यह नया बदलाव स्प्रिंकलर पाइप और स्प्रिंकलर नोजल के लिए सुखद माना जा रहा है।

खामोश है यह
फास्ट रिग मशीनों के दिन करीब आ चुके हैं लेकिन यह दिन इस वर्ष कुछ आगे बढ़ सकते हैं क्योंकि खरीफ फसल की कटाई अभी शुरू ही हुई है। बेहतर मांग की धारणा को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में चल रहा बोर खनन करने वाला क्षेत्र खनन की दरों को लेकर खामोश है। नजर बलौदा बाजार और पलारी विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों पर है क्योंकि यह क्षेत्र ज्यादा गहराई में मिलने वाले पानी के लिए जाने जाते हैं।
प्रतीक्षा मांग की
स्प्रिंकलर पाइप और स्प्रिंकलर नोजल में कीमत स्थिर है। खरीदी चालू नहीं हुई है
लेकिन संकेत बेहतर मांग के मिल रहे हैं। बोर खनन की दरें खुली नहीं हैं।
:सुनील दुबे, दुबे पंप एंड बोरवेल्स भाटापारा: