ओआरएस पावडर दे रहा कड़ी टक्कर
राजकुमार मल
भाटापारा- पूरे साल डिमांड में रहते हैं लोकल और ब्रांडेड ग्लूकोस लेकिन पहला साल है जब इन दोनों को ओ आर एस पाउडर और लिक्विड से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है क्योंकि दोनों की तुलना में इसकी कीमत क्रयशक्ति के भीतर ही है।
सीजन की डिमांड ने दस्तक दे दी है। लोकल और ब्रांडेड ग्लूकोज की खरीदी बढ़त लेने लगी है लेकिन जैसा रुझान ओआरएस की खरीदी को लेकर है उससे हैरत में हैं निर्माता कंपनियां और संस्थानें। लिहाजा सीजन के शीर्ष दिनों की तैयारी यह बाजार कर रहा है।
इसलिए कड़ा मुकाबला
ग्लूकोज और ग्लूकोज-डी हमेशा से शीर्ष पर रहे हैं लेकिन निम्न आय वर्ग की खरीदी लोकल ग्लूकोज और ओआरएस की ओर बढ़ती नजर आ रही है क्योंकि कीमत में यह दोनों इस वर्ग की क्रय शक्ति के भीतर ही है। अलबत्ता मध्य आय वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच ब्रांडेड ग्लूकोस मजबूती के साथ अपनी जगह बनाए हुए हैं। इसमें विस्तार की संभावनाएं तलाशी जा रहीं हैं।
इसलिए प्राथमिकता में ओआरएस
ग्रीष्मकाल में ओआरएस का सेवन किए जाने की सलाह चिकित्सक भी देते रहे हैं। पाउडर के बाद यह लिक्विड फॉर्म में भी आ गया है। इसलिए स्वीकार्यता बढ़त की ओर है। इसके अलावा बढ़ती मांग के पीछे कम कीमत का होना माना जा रहा है। इसलिए भी इसकी खरीदी को प्राथमिकता दे रहा है उपभोक्ता।
पखवाड़े भर पहले आया सीजन
आमतौर पर अप्रैल की शुरुआती सप्ताह से ग्लूकोज और ओ आर एस पाउडर की डिमांड निकलती थी लेकिन इस बार मांग ने मार्च मध्य में ही दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने वैसे भी इस बार तेज गर्मी का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। ऐसे में गर्मी के दिन भी बढ़ने की आशंका है। इसलिए बाजार ने अग्रिम सौदे और भंडारण के लिए तैयारी रखी हुई है।