Delhi chief minister केजरीवाल से मोदी सरकार छीन रही जेल में मिले न्यूनतम अधिकार

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Delhi chief minister केजरीवाल को जेल में मिले न्यूनतम अधिकार भी छीन रही मोदी सरकार : आप

Delhi chief minister नयी दिल्ली !   आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में मिले न्यूनतम अधिकार छीनने का आरोप लगाया हैं।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि तीन बार के प्रचंड बहुमत से निर्वाचित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मोदी सरकार जेल में हिटलरशाही की तरह रख रही है। उन्होंने कहा कि जो अधिकार जेल में बड़े से बड़े खूंखार अपराधियों को भी दिए जाते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह अधिकार भी  केजरीवाल से छीन रहे हैं। बड़े से बड़े अपराधी भी अपने परिवार और वकील से बात कर सकते हैं।

 

Delhi chief minister दो दिन पहले  केजरीवाल ने अपने वकील से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने विधायकों के लिए संदेश भेजा कि वह रोजाना अपने क्षेत्र में जाकर जनता की समस्याएं सुनें और उसका समाधान करें। इसमें क्या गलत है? उन्होने कहा कि विधायकों को यह संदेश एक मुख्यमंत्री नहीं देगा तो कौन देगा है? यह संदेश देने के बाद मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और उनको धमकी दी जा रही है कि आपको अपने परिवार और वकील से भी मुलाकात बंद हो जाएगी। यह तो बहुत खतरनाक स्थिति है।

श्री सिंह ने कहा कि अगर वो अपने वकीलों से बात नहीं करेंगे तो अपना केस कैसे लड़ेंगे? मोदी सरकार अरविंद केजरीवाल को किस जुर्म की सजा दे रही है? अरविंद केजरीवाल का अपराध केवल यह है कि उन्होंने दिल्ली के दो करोड़ लोगों की सेवा की है। दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए काम किया है। दिल्ली की जनता को मुफ्त बिजली-पानी, महिलाओं को मुफ्त बस की यात्रा और बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा की सुविधा दी है। बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए काम किया है और महिलाओं के लिए एक हजार रुपए महीना आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मोदी सरकार इसी बात की अरविंद केजरीवाल को सजा देना चाहती है।

 

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उन्होंने बताया कि जब जेल में कानूनन श्री केजरीवाल की मुलाकाल होती है तो उस दौरान 8 से 10 पुलिसवाले चारों तरफ से उनको घेरकर खड़े रहते हैं। दुनिया भर में जेल का नियम है कि जब एक मुवक्किल अपने वकील से बात करता है तो उस दौरान उसकी बातचीत को कोई नहीं सुन सकता। यह एक कानूनी प्रवधान है। इसके बावजूद आप 8-10 पुलिसवालों को अगल-बगल खड़ा कर देते हैं। क्या प्रधानमंत्री दिल्ली की तिहाड़ जेल को हिटलर के गैस चैंबर में बदलना चाहते हैं? क्या आप दिल्ली की जेल को यातना घर बनाना चाहते हैं? क्या एक मुख्यमंत्री अपनी जनता की सेवा के लिए अपने विधायकों को संदेश नहीं भेज सकते है?

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