DAV Schools doranaapaal : सरकार डीएव्ही स्कूलों में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन भुगतान करें:-सुन्नम पेंटा
कृष्णा नायक दोरनापाल
DAV Schools doranaapaal : दोरनापाल /कोंटा:– सरकार डीएव्ही स्कूलों में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन समय पर भुगतान नहीं करने को लेकर भाजपा नेता सुन्नम पेंटा ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विगत सात माह से समय पर
DAV Schools doranaapaal :वेतनमान भुगतान नहीं करके उक्त शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस संबंध में विस्तृत से जानकारी देते हुए। सुन्नम पेंटा ने बताया कि उक्त शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को ना तो सरकार से
शासकीय आवास आवंटित किया है। ना ही समय पर वेतन दिया जा रहा है। और किराए के मकान मालिक भी महीने में भाड़ा नही देने के एवज में मकान मालिक खाली करने के फरमान सुना रहे हैं। और जिस किराना दुकान से सामाग्री ले रहे
है। वो दुकानदार भी उक्त कर्मचारियों को सामाग्री देने असमर्थता जता रहे हैं। ऐसे समय में पूरी तरह से हाईटेक शिक्षा स्तर पर बुरा असर पड़ेगा इस बात को भली भांति से परिचित हैं। सरकार ऐसा भेद भाव करके क्या हासिल करना चाहती है।
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समझ से परे है। दरअसल ऐसे राजनीतिक भेदभाव का शिकार होती है। शिक्षा, आगे दुष्परिणाम होंगे।बता दें कि परिवार के साथ बाहर रहना किसी मुश्किल घड़ी से कम नहीं है। उल्लेखनीय बात यह है। कि छत्तीसगढ़ में जब से सत्ता परिवर्तन हुई
है। तब से किसी ना किसी बहाने से केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ छलावा करने की पूर जोर कोशिश कर रही है। किसी से छिपा नहीं सब जान रहे हैं। सुन्नम पेंटा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि शिक्षा को लेकर कोई पक्षपात नहीं होना
चाहिए और आज के बच्चों पर कल के भविष्य पर बड़ा असर पड़ेगा सरकार चाहे कांग्रेस हो या भाजपा का ये तर्क संगत ठीक नहीं है। सुन्नम पेंटा ने बताया कि इसके पूर्व भी उक्त शिक्षण संस्थानों में अधोसंरचना जैसे बुनियादी सुविधाएं के अभाव
में सरकार का ध्यान आकर्षित किया था लेकिन आज भी समस्या जस की तस है। उक्त समस्याओ पर प्रकाश डालते हुए कहा ब्लैक बोर्ड में अध्यायपन कराने शिक्षकों को स्वयं के खर्चे पर मार्कर पेंसिल, मिटाने वाला डस्टर इत्यादि खरीद कर
गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जा रही है। मुझे इस बात का अफसोस है। एक ओर शिक्षकों को घरेलू दैनिक उपयोग सामाग्री का मार झेल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शिक्षक स्वयं के खर्चे से शिक्षा देने को मजबूर हैं। सरकार को ऐसे विषम परिस्थितियों के
मद्दे नज़र रखते हुए उक्त शिक्षण संस्थानों को अति शीघ्र समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना चाहिए। और इसके पूर्व भाजपा शासन काल में सुकमा जिले के बतौर डीएम रहे जय प्रकाश मौर्य के कार्यकाल के दौरान सारे शैक्षिणक व्यस्था को
दुरुस्त करते हुए समय पर अधिकारी कर्मचारीयों के वेतन देने का काम किए है। और गौर तलब है। कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने उक्त केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ इस कदर परेशानी में डालकर गर्त में धकेलने का काम कर रही
है। क्या बताए। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार इतना चरम पर है। कि इसका जीता जागता उदाहरण है। कि हाल ही में सुकमा जिले में संचालित पोटाकेबिन,आश्रम,छात्रावासो में अध्ययनरत बच्चो को बुनियादी
सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है। और मेन्यू चार्ट के विपरीत दी जा रही है। क्योंकि इसमें सबकी मिली भगत से सारे काले कारनामें को अंजाम दिया जा रहा है। और यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है। कि अधोसंरचना के अभाव में
एक एक खाट में तीन तीन बच्चें सोने को मजबूर है। और इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि छत्तीसगढ़ सरकार गुणवत्ता युक्त शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है।
सुन्नम पेंटा
कोण्टा भाजपा नेता
सुकमा जिला ( छत्तीसगढ़ )