Cyclone mocha : तेजी से आ रहा साइक्लोन मोचा, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दस्तक की उम्मीद

Cyclone mocha

Cyclone mocha तेजी से आ रहा साइक्लोन मोचा, आईएमडी का अलर्ट- सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं लोग

Cyclone mocha भुवनेश्वर । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात मोचा के इस सप्ताह पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दस्तक देने की उम्मीद है। एक चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पूर्व में बन रही है। इसके प्रभाव से आठ मई तक उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है। चक्रवात का नाम ‘मोचा’ (मोखा) रखा जायेगा, जो यमन द्वारा सुझाया गया नाम है।

Delhi Police किसानों के राजधानी पहुंचने से पहले दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर लगाए बैरिकेड्स
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि नौ मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बनने और इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। आईएमडी के वैज्ञानिकों ने कहा कि मौसम प्रणाली एक चक्रवाती तूफान में तेज हो जाएगी और मंगलवार या बुधवार तक लगभग उत्तर की ओर मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ जाएगी।

मौसम कार्यालय ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में रविवार से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय ने कहा कि जो लोग बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में हैं, उन्हें सात मई से पहले और जो लोग बंगाल की मध्य खाड़ी में हैं, उन्हें नौ मई से पहले सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी जाती है।

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू ने कहा कि मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पहले ही 18 तटीय और आसपास के जिलों के जिलाधिकारियों और 11 विभागों के अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। महापात्रा ने कहा कि मौसम प्रणाली के आठ मई को कम दबाव के क्षेत्र में केंद्रित होने और नौ मई को एक चक्रवात में बदलने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि चक्रवात के बंगाल की मध्य खाड़ी की ओर बढऩे का अनुमान है। उन्होंने ने बताया कि ग्रीष्मकालीन चक्रवातों के मार्ग का अनुमान लगाना बहुत कठिन है। ओडिशा तट पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर महापात्रा ने कहा कि इसके लिए या पूर्वी तट पर किसी अन्य स्थान के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि चक्रवात के बारे में जानकारी का उद्देश्य मछुआरों और नौ-परिवहन से जुड़े लोगों को सतर्क करना है। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। महापात्रा ने कहा कि अप्रैल, मई और जून के महीने ग्रीष्मकालीन चक्रवात के लिए माने जाते है, जबकि सितंबर, अक्टूबर और नवंबर मानसून चक्रवात महीने हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU