शराब घोटाला मामला: चैतन्य बघेल की न्यायिक हिरासत 15 सितंबर तक बढ़ी, अगली सुनवाई पर दाखिल हो सकता है चालान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को रायपुर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। कोर्ट ने चैतन्य की न्यायिक हिरासत बढ़ाते हुए 15 सितंबर तक जेल भेजने का आदेश दिया। माना जा रहा है कि इस तारीख को ईडी मामले में चालान पेश कर सकती है।

जन्मदिन पर हुई थी गिरफ्तारी

ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को उनके भिलाई स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। यह वही दिन था जब उनका जन्मदिन था। गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हुई थी। शराब घोटाले की जांच ईडी ने एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस घोटाले से प्रदेश को करीब 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और अवैध कमाई घोटाले से जुड़े लोगों तक पहुंचाई गई।

16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) प्राप्त की थी। इसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट फर्मों के जरिए मिलाया और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट में उपयोग किया। आरोप है कि उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर नकली लेन-देन दिखाकर 5 करोड़ रुपये हासिल किए।

1000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का संचालन

ईडी का दावा है कि चैतन्य पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति के संचालन का भी आरोप है। वह अनवर ढेबर समेत कई प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर यह रकम कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष और अन्य सहयोगियों तक पहुंचाते थे।

पहले से जेल में कई बड़े चेहरे

इस मामले में ईडी पहले ही पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर चुकी है।

कोर्ट ने जेल अधीक्षक को दिए निर्देश

सुनवाई के दौरान चैतन्य के वकील ने शिकायत की कि जेल में उन्हें पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा। इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

हाई कोर्ट में याचिका लंबित

गौरतलब है कि चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देते हुए पहले सुप्रीम कोर्ट और बाद में बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने इस पर ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

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