CRMC लंबित भुगतान विवाद: बीजापुर में डॉक्टरों ने रोका नक्सलियों का पोस्टमार्टम, प्रशासन के आश्वासन के बाद फिर शुरू

बीजापुर। बस्तर संभाग में CRMC (नक्सल क्षेत्र प्रोत्साहन राशि) के 11 महीने से लंबित भुगतान को लेकर चल रहा स्वास्थ्यकर्मियों का विरोध आज गंभीर मोड़ पर पहुँच गया। बीजापुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत नक्सलियों के शवों का पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने अंततः पोस्टमार्टम कार्य शुरू किया।


लंबित प्रोत्साहन राशि से नाराज़ डॉक्टर

डॉक्टरों का कहना है कि:

  • बेहद जोखिम भरे वातावरण में काम करने के बावजूद
  • CRMC प्रोत्साहन राशि 11 महीनों से अटकी हुई है
  • प्रति डॉक्टर 2.5–3 लाख रुपये
  • प्रति नर्स 30–40 हज़ार रुपये

का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।

डॉक्टरों का आरोप है कि केंद्र सरकार निधि जारी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार आदेश जारी नहीं कर रही, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल टूटने के कगार पर पहुंच गया है।


प्रशासन का आश्वासन—11 दिसंबर तक भुगतान

पोस्टमार्टम रोकने की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। अधिकारियों ने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि:

“CRMC प्रोत्साहन राशि 11 दिसंबर 2025 तक अवश्य जारी कर दी जाएगी।”

जनहित को देखते हुए डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम कार्य पुनः प्रारंभ कर दिया।


पूरा बस्तर आंदोलन की चपेट में

CRMC भुगतान को लेकर शुरू हुआ यह विरोध पहले नारायणपुर में उभरा था, लेकिन अब:

  • दंतेवाड़ा
  • कोंडागांव
  • सुकमा
  • बीजापुर
  • जगदलपुर

सहित पूरे बस्तर क्षेत्र में फैल गया है।

स्वास्थ्यकर्मियों ने घोषणा की है:

  • शाम की OPD सेवाएँ बंद रहेंगी
  • आपातकालीन सेवाएँ पूर्ववत जारी रहेंगी
  • यदि 11 दिसंबर तक भुगतान नहीं हुआ,
    तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा

स्वास्थ्यकर्मियों की भावनाएँ स्पष्ट

स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा—

“हम मजबूरी में यह कदम उठा रहे हैं। जीवन जोखिम में डालकर काम करते हैं, लेकिन सरकार हमारी मेहनत का सम्मान नहीं कर रही।”

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