भ्रष्टाचार का खुलासा: BEO प्रकाशचंद्र मांझी के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज…लिपिक निलंबित

प्राप्त जानकारी और दस्तावेज़ों के अनुसार अनेकों मामलों में गड़बड़ियाँ उजागर हुई हैं एवं संयुक्त संचालक रायपुर संभाग द्वारा गठित जांच कमेटियों ने दो अलग अलग मामले बिजली बिल व अवकाश नगदीकरण मामले में प्रकाशचंद्र मांझी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा भी की है।

ज्ञात रहे सत्र 2023- 24 में बिजली बिल के नाम पर खाते से 724173.00 रुपए आहरित कर अपने पास रखकर दो साल बाद पांच फरवरी2025 को बिजली विभाग में भुगतान किया गया।मामले की शिकायत पर संयुक्त संचालक ने जांच कमेटी का गठन किया गया था समिति के प्रतिवेदन के आधार पर संयुक्त संचालक ने क्रमांक/सर्तकता/एफ/2025/2279 रायपुर दिनांक 10जून 2025 संचालक लोक शिक्षण संचनालय को प्रेषित कर विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी व लिपिक सूर्यकांत मिश्रा पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा की थी जिस पर संबंधित लिपिक सूर्यकांत मिश्रा पर कार्यवाही करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया किन्तु विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर अब भी कार्यवाही लंबित है।


एक दूसरे प्रकरण में भी संबंधित अधिकारी दोषी पाए गए है सहायक शिक्षक व शिक्षकों के सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु प्रकरण में अवकाश नगदीकरण राशि के भुगतान में अनियमितता शिकायत की जांच संयुक्त संचालक के आदेश क्रमांक/सतर्कता/जांच/एफ 382 MSMD/2024/4530 रायपुर दिनांक 1/12/2024 द्वारा चार सदस्यीय जांच समिति की प्रतिवेदन के अनुसार प्रभारी लिपिक व विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दोषी पाया गया है

एवं लिपिक निरंजन कुमार कोसरिया को निलंबित कर दिया गया है एवं बीईओ प्रकाशचंद्र मांझी को दोषी मानते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा संचालक लोकशिक्षण संचनालय से की गई है। जिनमें संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई है। सरायपाली के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की काली करतूत दिनों दिन बढ़ते जा रहे है ।रोज नए नए कारनामे उजागर हो रहे है पूर्व में समाचार पत्रों में प्रमुखता से उजागर किया गया था

जिसमें विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाशचंद्र मांझी के द्वारा किस तरह से शहर के एक कंप्यूटर की एक दुकान से 49551रुपए के बिल बनाया गया था जिसमें झाड़ू,डस्टबिन, मग्गे,बाल्टी खरीदी का ब्यौरा था।साथ ही हजारों रुपए के फोटो कॉपी किए जाने का मामला भी सुर्खियों में है ऑफिस में मशीन होते हुए 280 पैकेट ए फोर साइज पेपर 68600 रुपए में खरीदने के बाद एक कंप्यूटर सेंटर से लगातार पांच दिन में 47400 रुपए का फोटो कॉपी कराया जाना भ्रष्ट्राचार की पराकाष्ठा है।

जिस पर आवश्यक जांच की आवश्यकता है। ब्लॉक के एक प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक द्वारा स्कूल की एक छात्रा व मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोइया से गलत नियत से की गई हरकत की जानकारी होने के बावजूद विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा मामले की लीपापोती कर,आर्थिक लेनदेन कर उक्त प्रधान पाठक को दूसरे स्कूल में व्यवस्था कर दिया जाना कोई कार्यवाही न करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।सर्व शिक्षक साझा मंच के पदाधिकारी विगत दो माह से सरायपाली की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है जिससे ये शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारियों के ऊपर दूसरों के माध्यम से झूठी शिकायत करवाकर स्वयं जांच अधिकारी बनकर कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन लिख रहे हैं।जिससे शिक्षक समुदाय आहत व पीड़ित है।


सर्व शिक्षक साझा मंच द्वारा मांग किया गया हैं कि दो मामलों में संयुक्त संचालक रायपुर के जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी प्रकाशचंद्र मांझी को तत्काल निलंबित कर विभागीय व आपराधिक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जावे।


सरायपाली शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए सर्व शिक्षक साझा मंच द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाशचंद्र मांझी व विकासखंड श्रोत केंद्र समन्वयक सतीश स्वरूप पटेल के कृत्यों को उजागर करते हुए आम शिक्षकों से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमें ब्लॉक के प्राचार्यों सहित 900 शिक्षकों ने अपना हस्ताक्षर कर दोनों अधिकारियों को हटाने हेतु अपना समर्थन प्रदान किया है।


यदि शीघ्र प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो शिक्षकों का साझा मंच आंदोलन करने को बाध्य होंगे। यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था के विश्वास और शिक्षक समुदाय की गरिमा का भी है।
इस संबंध में सर्व शिक्षक साझा मंच द्वारा उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है और जल्द ही अनिश्चित कालीन आंदोलन किए जाने की दिशा में कदम उठाई जाएगी।

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