:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- भ्रष्टाचार का खेल चल रहा विकास खंड शिक्षा कार्यालय में और इस खेल में स्वयं बीईओ शामिल हो तो यह बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़े क्रय है । जब जिम्मेदार अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो तो अधीनस्थों की पौ बारह हो जाती है । सबसे आश्चर्य जनक बात यह है कि अब कम्प्यूटर दुकान दुकानों में सेनेटाइजर , प्लास्टिक मग , झाड़ू व बाल्टी जैसी चीजों की भी बिक्री प्रारम्भ होकर बाकायदा बिल भी दिया जा रहा है ।
ऐसा ही एक प्रकरण बीईओ कार्यालय सरायपाली का सामने आया हैं जहां वित्तीय अनियमितता व गडबडी का चोली दामन का साथ है। बीईओ प्रकाश चन्द्र मांझी दिनो दिन भ्रष्टाचार का इतिहास गढ रहे है। बिजली बिल की राशि 7,24,173 को आहरण करके 02 वर्ष बाद जमा किये है। आकस्मिक व्यय एवं लेखन सामाग्रियां में जमकर मनमानी की है। जिसकी जांच की गई है। जांच में जांचकर्ता अधिकारियो ने प्रकाश चन्द्र मांझी, पूर्व बीईओ ईश्वर प्रसाद कश्यप, लिपिक गोविन्द दास सहित सूर्यकान्त मिश्रा को दोषी माना है।
मालूम हो कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने अमिताभ जैन मुख्य सचिव, सिद्वार्थ कोमल परदेशी प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, एवं राकेश पांडेय संभागीय संयुक्त संचालक को लिखित शिकायत 17 दिसम्बर 2024 को किया था । जिसके परिपेक्ष्य में 23 दिसम्बर को संभागीय संयुक्त संचालक ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित किया। जांचकर्ता अधिकारियो में एम.जी. सतीश नायर सहायक संचालक, नंदकिशोर सिन्हा सहायक संचालक, एल.एम.तारम मुख्य लिपिक शामिल थे।
बीईओ कार्यालय सरायपाली में 25 अप्रैल को जांच की गई है। वर्ष 2020-21 में बिजली बिल मद में 4,55,560 रूपये आबंटित हुआ था। जिसमें 4,54,460 रूपये आहरण करके 3,85,500 रूपये को विद्युत मंडल सरायपाली में भुगतान किया। इसी मद से भवानी इलेक्ट्रिकल को 68,960 रूपये भुगतान कर दिया। वर्ष 2021-22 में 5,13,212 रूपये आबंटित राशि मिला। जिसमें 1,92,020 रूपये पुनः भवानी इलेक्ट्रिकल को भुगतान कर दी। जिस मद में राशि आबंटित हुआ है, उसके उलट दूसरे मद में व्यय किया गया। जो नियम विपरीत है। उक्त अवधि में तात्कालीन बीईओ आइ.पी.कश्यप एवं लिपिक गोविन्द दास थे। इन्हे दोषी माना है।
वर्ष 2022-23 में 7,24,173 रूपये मार्च 2023 में आहरण किया। लेकिन इस राशि को 05 फरवरी 2025 को बिजली मंडल सरायपाली में चेक से भुगतान की गई है। मजे की बात है कि ये राशि भी तब जमा किया, जब जांच का आदेश हुआ। चर्चा है कि शिकायत नही होने सेे आहरण की गई राशि भी विद्युत विभाग में जमा नही करके बन्दरबांट करने का मंशा बना रखे थे। अन्य मद में 2,09,424 रूपये व्यय तो किये है। लेकिन बिल बाउचर जांच के दौरान प्रस्तुत नही की। जांचकर्ता अधिकारियो ने बीईओ प्रकाश चन्द्र मांझी एवं सूर्यकान्त मिश्रा को इस मामले में दोषी पाया। बीईओ व लिपिक दोनो का कृत्य को आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में माना है, जांच प्रतिवेदन उच्च कार्यालय में 20 मई को प्रस्तुत कर दिये है।
कम्प्यूटर दुकान से झाडु-बाल्टी , सेनेटाइजर व मग्गा की खरीदी की गई
बीईओ प्रकाशचन्द्र मांझी ने आर्यन कम्प्युटर सरायपाली की दुकान से झाडु, बाल्टी, मग, सैनिटाइजर सभी सामाग्रियां 249-249 नग की संख्या में 11 मार्च 2024 को खरीदी करके 49,551 रूपये भुगतान किया है। इसी दुकान से वर्ष 2023 में 12 जून को कलम, फाइल, कैलकुटर वगैरह के 14,000 रूपये भुगतान किये है। 16 जुलाई को 13,600 रूपये, 28 जुलाई को 17,350 रूपये, 11 अगस्त को 19000 रूपये,
20 अगस्त को 23,700 रूपये, 22 अगस्त को 12,600 रूपये, 29 अगस्त को 21,450 रूपये, 03 सितम्बर को 27,250 रूपये, 19 सितम्बर को 24,200 26 सितम्बर को 11950 रूपये, 13 अक्टुबर करे 20,100 रूपये, 13 अक्टुबर को 4,010 रूपये, 13 अक्टुबर को 20,100 रूपये, 27 अक्टुबर करे 12,250 रूपये, 22 नवम्बर को 20,100 रूपये,
29 दिसम्बर 19,600 रूपये, वर्ष 2024 में 06 मार्च को 1,15,890 रूपये, 10 मार्च 51,300 रूपये, 11 मार्च 49,551 रूपये, 16 मार्च को 40,000 रूपये, किया है। आकस्मिक व्यय एवं लेखन सामाग्री खरीदी में मनमानी तरीके से व्यय किया है।