Corona BF.7 : कोविड के जिस वेरिएंट ने चीन में मचाया हाहाकार…उससे भारत को कितना खतरा
Corona BF.7 : (Omicron variants of Corona)कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट का सब-वेरिएंट BF.7 चीन में बेहद तबाही मचा रहा है. सड़कों पर लाशों का अंबार लगा हुआ है. अस्पतालों में हालात बेहद ही खराब हैं. दुनिया के कई अन्य देशों में भी corona के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

Corona BF.7 : भारत में भी इस वेरिएंट के 4 मरीज पाए गए हैं. लेकिन वे स्वस्थ हो चुके हैं. अब सवाल ये उठ रहा है कि अगर ये वायरस चीन में इतना खतरनाक रूप दिखा रहा है तो भारत के लिए ये कितना बड़ा खतरा बन सकता है बीएफ.7 वेरिएंट को लेकर
‘मास्क पहनना और भीड़ से बचना बहुत जरूरी’ है
टीआईजीएस के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने हालांकि चेतावनी दी कि मास्क पहनने और भीड़ में अनावश्यक जाने से बचने की सलाह को हमेशा मानना चाहिए.मिश्रा ने आगे कहा कि चीन में corona के मामलों में बेहिसाब इजाफा नजर आ रहा है क्योंकि पड़ोसी देश संक्रमण की अलग अलग लहरों से नहीं गुजरा है, जिनका भारत पहले से ही सामना कर चुका है.

उन्होंने कहा, ‘bf.7 ओमिक्रोन का एक sub-वेरिएंट है. कुछ छोटे बदलावों को छोड़कर इसकी मुख्य संरचना ओमिक्रोन की तरह ही होगी. इसमें कोई बड़ा डिफरेंट नहीं है. हम में से अधिकतर ओमिक्रोन लहर से गुजर चुके हैं. इसलिए हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. वास्तव में यह वायरस वही है.’
मिश्रा ने कहा कि चीन अपनी जीरो कोरोना नीति की वजह से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी का सामना कर रहा है. इसके तहत अधिकारी अपार्टमेंट इमारतों को बंद कर देते हैं और यहां तक कि एक शख्स में संक्रमण की पुष्टि के बाद उसके पड़ोस के घर को भी बंद कर दिया जाता है,

जिससे लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि चीनी आबादी स्वाभाविक रूप से संक्रमण के संपर्क में नहीं आई है और उन्होंने बुजुर्ग लोगों को टीका लगाने के लिए समय का सही इस्तेमाल नहीं किया. मिश्रा ने चीन में डराने वाले हालत पर कहा,
‘इसलिए जिन लोगों ने टीका नहीं लगाया है, उनके लक्षण गंभीर हैं. युवाओं को अब भी कोई समस्या नहीं है. लेकिन बुजुर्ग जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था, उनमें यह इन्फेक्शन बहुत तेजी से फैलता जा रहा है
तो इस वजह से भारत वासी महफूज है ?
अधिकतर भारतीयों ने ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ हासिल कर ली है. इसका मतलब ये कि टीकों के जरिए और स्वाभाविक संक्रमण के बाद विकसित इम्युनिटी उन्हें कोरोना वायरस के अलग-अलग वेरिएंट्स से बचाने मे मदद करती है.
