इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद में पेश 27वें संवैधानिक संशोधन विधेयक से सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की शक्तियां बढ़ने वाली हैं। विधेयक में चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स (CDF) का नया पद सृजित किया जा रहा है, जिसकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करेंगे। मौजूदा सेना प्रमुख स्वतः इस पद पर आसीन होंगे, अर्थात इस महीने के अंत तक मुनीर CDF बन जाएंगे।
नया पद मुनीर को नियुक्तियों, पदोन्नतियों, सैन्य अभियानों और परमाणु सेनाओं के प्रमुख की नियुक्ति पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री के परामर्श से वे राष्ट्रीय सामरिक कमान के प्रमुख की नियुक्ति करेंगे, जो पाकिस्तानी सेना से होगा। विधेयक से फील्ड मार्शल का पद और सुविधाएं आजीवन सुनिश्चित होंगी। सरकार सशस्त्र बलों के अधिकारियों को फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ एयर फोर्स और एडमिरल ऑफ फ्लीट जैसे उच्च पदों पर पदोन्नत कर सकेगी।
यह कदम मई 2025 में भारत के साथ चार दिवसीय संघर्ष से प्रेरित है। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले हुए। पाकिस्तान ने दर्जनभर विमान, जिसमें एफ-16 शामिल थे, खोए। 10 मई को संघर्ष विराम हुआ। तत्काल बाद मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया, जो देश के दूसरे अधिकारी इस पद पर पहुंचे।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति और ऑपरेशन सिंदूर से सबक ने यह संशोधन जरूरी बनाया। विधेयक से संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष का पद समाप्त हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सेना की कमान एकीकृत और मजबूत होगी, पर नागरिक नियंत्रण पर सवाल उठ रहे हैं। संसद में बहस के बाद विधेयक पारित होने पर मुनीर की स्थिति और सुदृढ़ हो जाएगी।