सिविल कोर्ट का हुआ भूमिपूजन…मुख्य न्यायधीश रमेश सिन्हा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुए शामिल



न्यायालय भवन के सभा गृह में आयोजित इस भूमिपूजन व शिलान्यास कार्यक्रम ठीक 9:52 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रारम्भ हुआ । कार्यक्रम में माननीया श्रीमती अनिता डहरिया ( जिला एवं सत्र न्यायाधीश महासमुन्द )द्वारा स्वागत भाषण दिया गया । पश्चात छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायधीश रमेश सिन्हा द्वारा नवनिर्मित भवनों के संबंध में जानकारी दी गई । सर्वप्रथम महासमुन्द में एडीआर बिल्डिंग व सरायपाली , बसना में सिविल कोर्ट का भूमिपूजन व शिलान्यास किया गया ।


वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान किये गए इस वर्चुअल भूमिपूजन व शिलान्यास समारोह में जस्टिस संजय के अग्रवाल ( जज – छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ) , जस्टिस दीपक कुमार तिवारी ( जज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय व पोर्टफ़ोलियो जज , महासमुन्द ) , सरायपाली से पंकज आलोक तिर्की
(द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरायपाली) , पवन अग्रवाल (अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरायपाली) ,
श्री वैभव घृतलहरे (न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सरायपाली) तथा विनय कुमार साहू
(न्यायिक मजिस्ट्रेट कनिष्ट श्रेणी सरायपाली)

मनजीत जांगड़े ( न्यायिक मजिस्ट्रेट बसना )के साथ ही विनय कुमार लंगेह ( कलेक्टर महासमुन्द ), नम्रता चौबे (SDM सरायपाली) , मनोज कुमार खांडे (SDM बसना ) के साथ अधिवक्तागणों में के. बी. खान , संतोष ठाकुर , राजेश महाणा , मंजीत सलूजा , पुरुषोत्तम पटेल , राजेन्द्र दास , शशि कांत पटेल , संतोष मिश्रा , पी.डी.भोई , पुरुषोत्तम चौधरी , एस के नायक ,दिलीप भोई , महेंद्र प्रधान ,प्रदीप प्रधान ,राजेश प्रधान , भूपेंद्र भोई , यदु पटेल के साथ ही सभी न्यायालयीन साथी उपस्थित थे । आभार प्रदर्शन श्री प्रफुल्ल कुमार सोनवानी ( जज फेमिली कोर्ट , महासमुन्द ) द्वारा किया गया ।


ज्ञातव्य हो की सरायपाली में आज से 28 वर्ष पूर्व 2 जनवरी 1997 को मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री एन. पी.सिंह व न्यायधीश श्रील एस.सी.पांडे व न्यायाधीश श्री व्ही. के .अग्रवाल के विशिष्ट अतिथि के सानिध्य में नवनिर्मित व्यवहार न्यायालय भवन का उद्घाटन किया गया था । किंतु भवन अत्यधिक जर्जर होने व लगातार स्थान की कमी को देखते हुवे नये भवन बनाये जाने के निर्णय लिया गया ।

भवन अत्यंत जर्जर व क्षतिग्रस्त स्थिति को देखते हुवे विगत 2 वर्ष पूर्व नगरपालिका के सांस्कृतिक /मंगल भवन में अस्थायी तौर पर नया भवन बनते तक कोर्ट लगाया जा रहा है । यह भवन अभी किराए में संचालित है । नए भवन में सभी प्रकार की सुविधाओं के साथ साथ अतिरिक्त कमरे भी बनाये जाएंगे ताकि न्यायधीशों की संख्या बढ़ने पर सहज ही कमरा उपलब्ध हो सके । वर्तमान भवन को पूरी तरह तोड़कर ही नया भवन बनाया जायेगा ।

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