नई दिल्ली। इंडिगो संकट के दौरान अचानक बढ़े हवाई किरायों पर सरकार द्वारा अस्थायी सीमा लगाने के बाद अब केंद्र ने हवाई किराये के स्थाई नियंत्रण को लेकर बड़ा बयान दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शुक्रवार को संसद में स्पष्ट किया कि सरकार पूरे वर्ष हवाई किराये को नियंत्रित नहीं कर सकती, क्योंकि त्योहारों और विशेष परिस्थितियों में कीमतों का बढ़ना सामान्य है।
मंत्री नायडू ने कहा कि देशभर में सभी एयरलाइंस के टिकटों पर सरकारी सीमा तय करना व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि अनियंत्रित और प्रतिस्पर्धी बाजार अंततः उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए नागरिक उड्डयन क्षेत्र को विकसित होने देने के लिए पहले ही नियंत्रणों में ढील दी गई थी।

उन्होंने कहा, “जिन देशों में नागरिक उड्डयन क्षेत्र ने असाधारण वृद्धि दर्ज की है, वहां बाजार को मुक्त रखा गया है। इससे नई एयरलाइंस को बाजार में आने का प्रोत्साहन मिलता है और सहयोग के अवसर बढ़ते हैं। मांग और आपूर्ति का संतुलन स्वाभाविक रूप से बनता है, जिसका लाभ अंततः यात्रियों को मिलता है।”
हवाई किराये पर नियंत्रण की मांग वाले एक निजी विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा,
“यदि हम इस क्षेत्र को और विकसित करना चाहते हैं, तो इसे नियंत्रण-मुक्त रखना सबसे जरूरी आवश्यकता है।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवश्यकता पड़ने पर सरकार हस्तक्षेप कर सकती है।
नायडू ने बताया, “हालांकि बाजार को मुक्त किया गया है, लेकिन विमान अधिनियम सरकार को असाधारण परिस्थितियों में दखल देने, किराये पर सीमा लगाने और यात्रियों को अनुचित शुल्क से बचाने का अधिकार देता है।”