रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा को महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखंड के एक सीमावर्ती गांव में नाबालिग बालक के साथ अमानवीय मारपीट और उससे आहत होकर उसके पिता द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली। इस गंभीर घटना को संज्ञान में लेते हुए डॉ. शर्मा ने तत्परता दिखाते हुए करीब 125 किलोमीटर का सफर तय कर घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।


जानकारी के अनुसार, बीते दिनों चोरी के आरोप में एक रसूखदार परिवार द्वारा नाबालिग बालक को निर्वस्त्र कर बेतहाशा पीटा गया था। जब बालक के पिता ने इस घटना का विरोध किया और न्याय की मांग की, तो आरोपियों द्वारा उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इसी मानसिक दबाव से आहत होकर पिता ने आत्महत्या कर ली।
घटना की जानकारी मिलते ही आयोग अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा कुछ ही घंटों के भीतर ग्राम कोल्दा पहुंचीं और पीड़ित बालक व मृतक के परिजनों से मिलकर पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने परिवार को आश्वस्त किया कि आयोग इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेगा और पीड़ित बच्चे व उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।


डॉ. शर्मा ने संबंधित प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि मामले में संवेदनशीलता के साथ त्वरित, प्रभावी एवं विधिसम्मत कार्रवाई की जाए, ताकि दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक हैं और बच्चों के अधिकारों के संरक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस प्रकरण को स्वप्रेरणा से संज्ञान में लेते हुए प्रकरण दर्ज कर लिया है तथा संबंधित विभागों के साथ आवश्यक पत्राचार भी किया गया है।