Chhattisgarh Official Language Commission : प्राइमरी में छत्तीसगढ़ी एक विषय के रूप में सराहनीय कदम

Chhattisgarh Official Language Commission :

राजकुमार मल

 

Chhattisgarh Official Language Commission प्राइमरी में छत्तीसगढ़ी एक विषय के रूप में सराहनीय कदम

 

Chhattisgarh Official Language Commission भाटापारा– छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक अजय अमृतांशु ने मुख्यमंत्री के द्वारा छत्तीसगढ़ी को आगामी सत्र से कक्षा पहली से पांचवी तक एक विषय के रूप में पढ़ाये जाने की घोषणा का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ी भाषा और भी समृद्ध होगी। विदित हो कि छत्तीसगढ़ी भाषा को एक विषय के रूप में लागू करने की मांग कई वर्षों से चली आ रही थी। समय-समय पर साहित्यकारों ने इसके लिए कई बार शासन से गुहार लगाई थी।

 

राजकाज की भाषा भी बने छत्तीसगढ़ी-

अजय अमृतांशु ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि छत्तीसगढ़ी को राजकाज की भाषा बनाई जाए। चूंकि सन 2007 से ही छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा मिल चुका है,लेकिन आज पर्यंत छत्तीसगढ़ी राजकाज की भाषा नहीं बन पाई है। इसके कारण शासकीय कार्यालयों,मंत्रालयों एवं विधानसभा में भी कार्यवाही हिंदी में ही की जा रही है।राजकाज की भाषा बन जाने से इन सभी जगहों पर छत्तीसगढ़ी में काम काज होंगे।

 

छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान स्वागतेय

 

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15 अगस्त के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान की घोषणा की है जिसके तहत तीन सम्मान दिए जाएंगे – 1 आंचलिक साहित्य के लिए, 2- हिंदी में पद्य साहित्य 3. हिंदी में गद्य साहित्य के लिए । उपरोक्त तीनों सम्मान के लिए पांच-पांच लाख रुपए की सम्मान राशि साहित्यकारों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए अजय अमृतांशु ने कहा कि निश्चित रूप से इससे साहित्यकारों को उचित सम्मान मिलेगा तथा उत्कृष्ट साहित्य का सृजन भी होगा। मुख्यमंत्री की घोषणा ने साहित्यकारों के लिए संजीवनी का काम किया है।

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