रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आज अदालत में लगभग 29 हजार 800 से अधिक पन्नों का अंतिम चालान पेश किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत 82 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इसके साथ ही अब इस बहुचर्चित मामले का ट्रायल शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
प्रवर्तन निदेशालय छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच कर रही है। इस संबंध में ईडी द्वारा एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में 3200 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का उल्लेख किया गया है। मामले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी और कारोबारी सहित कई लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। ईडी की जांच में सामने आया है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के माध्यम से इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
इस मामले में अब तक कई बड़े नामों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर और सौम्य चौरसिया शामिल हैं। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।