Chhattisgarh Government : छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णयों से प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप ….. पढ़े पूरी खबर

Chhattisgarh Government :

रमेश गुप्ता

Chhattisgarh Government : छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णयों से प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप

Chhattisgarh Government : रायपुर !   छत्तीसगढ़ में इन दिनों की विष्णु देव साय सरकार के निर्णयों को लेकर प्रशासनिक हलकों में हड़कम्प मचा हुआ है।
पहले बात करते हैं महज 28 दिनों में हटाये गए बिलासपुर आयुक्त नीलम नामदेव एक्का की जिनकी जगह जनक प्रसाद पाठक की पोस्टिंग के आदेश निकल गए और महज चंद घण्टो में सरकार ने अचानक पाठक को कमिश्नर बनाए जाने का आदेश वापस भी ले लिया और रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे को बिलासपुर की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी।


नीलम नामदेव एक्का की, जिन्हें 28 दिन पहले ही राज्य सरकार ने बिलासपुर आयुक्त बनाया था उन्हें हटाया गया। जानकारों की माने तो एक्का के एक फैसले ने उनकी वापसी के रास्ते दिखा दिए। मामला मिशन अस्पताल की लीज से जुड़ा हुआ है जिसमें उच्च न्यायालय के आदेश पर कलेक्टर ने बेदखली का आदेश जारी कर दिया था। मिशन अस्पताल शहर के बीचोबीच स्थित है। अस्पताल की लीज करीब सौ साल पुरानी थी, जो सालों पहले खत्म हो चुकी थी। अरबों की इस जमीन का लीज रिन्यू नहीं हुआ था।


उच्च न्यायालय के फैसले के बाद बेदखली का रास्ता साफ हुआ। न्यायालय के फैसले के बाद बिलासपुर कलेक्टर ने जमीन से बेदखली का आदेश जारी कर दिया। इस बीच बिलासपुर कमिश्नर की पोस्टिंग मिलने के बाद नीलम नामदेव एक्का ने कलेक्टर की बेदखली आदेश के मामले की सुनवाई करते हुए उस पर स्टे दे दिया।

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प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि इस फैसले के बाद ही सरकार नाराज हो गई और अगले दो दिनों के भीतर ही उनका तबादला कर दिया।
अब बात करते है जनक प्रसाद पाठक की जिन्हें कमिश्नर बनाए जाने के आदेश को चंद घंटों में ही वापस ले लिया गया। प्रशासनिक सूत्र की माने तो पाठक पर लगे पुराने आरोप ने उन्हें बिलासपुर आयुक्त नहीं बनने दिया बिलासपुर संभाग के अंतर्गत जांजगीर चाम्पा में कलेक्टर रहने के दौरान यौन शोषण के आरोप लगने की वजह से उनका तबादला आदेश वापस लिया गया। पाठक इस वक्त न्यायालय से जमानत पर हैं। जांजगीर चाम्पा जिला बिलासपुर संभाग के अधीन आता है। न्यायालय उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण की सुनवाई कर रहा है। इन दोनों मामले में भारतीय जनता पार्टी संगठन ने सरकार को आड़े हाथों लिया। संगठन से जुड़े नेताओं की आपत्ति पर सरकार सचेत हो गई और आनन-फानन में आदेश वापस ले लिया गया।

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Chhattisgarh Government : प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि नीलम नामदेव एक्का द्वारा मिशन अस्पताल को बेदखली पर रोक लगाते हुए स्टे दिए जाने के फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के संज्ञान में लाई गई थी। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जाहिर की और इस पर कड़ी कार्रवाई किए जाने के निर्देश अफसरों को दिए। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप चंद घंटों के भीतर आदेश को अमल में लाया गया। इसी तरह जनक प्रसाद पाठक के मामले पर भी उच्च स्तरीय चर्चा के बाद आदेश वापस लिया गया।

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