Chhattisgarh Education Department : युक्तियुक्तकरण और आनलाईन अवकाश आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने मुख्यमंत्री और सचिव के नाम ज्ञापन

Chhattisgarh Education Department :

Chhattisgarh Education Department : एसडीएम को भी सौंपा गया ज्ञापन 

Chhattisgarh Education Department : कांकेर /चारामा !  शुक्रवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ जिला कांकेर के द्वारा शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ से जारी दोषपूर्ण युक्तियुक्तकरण और आनलाईन अवकाश आदेश पर तत्काल रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, शिक्षामंत्री छत्तीसगढ़ शासन, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और संचालक लोक शिक्षण संचालनालय के नाम ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी श्री अशोक मार्वल जी को सौंपा गया। जिला शिक्षाधिकारी  अशोक पटेल को भी युक्तियुक्तकरण व आनलाईन अवकाश के संबंध ज्ञापन दिया गया।

छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के द्वारा जिसमें 10 बच्चों से कम दर्ज संख्या वाले प्राथमिक शाला, जिनकी दूरी दो शालाओं के मध्य 1 किलोमीटर हैं तथा एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों को युक्तियुक्तकरण के तरह आपस में मर्ज करने का आदेश प्रसारित किया हैं। स्कूलों में पदस्थ शिक्षक शिक्षिकाओं को नये सेटअप नियम बनाकर अतिशेष करके करके अन्य स्कूलों में पदस्थ कर दिया जायेगा।

इससे शासकीय शालाओं में शिक्षा का स्तर पूरी तरह से कमजोर हो जाएगा एवं शिक्षक बड़ी संख्या में प्रभावित और परेशान होंगे। इस युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग के सेटअप, नई शिक्षा नीति एवं शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं किया गया है।

नियमानुसार शालाओं में उसके स्वीकृत सेटअप अनुसार ही पद स्थापना होता है। अभी स्कूल शिक्षा विभाग में सभी शालाओं का सेटअप 2008 स्वीकृत एवं प्रभावशील है। लेकिन इस युक्तियुक्तकरण में सेटअप को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जो कि पूर्णतः नियम विरुद्ध एवं अनुचित है।

प्राथमिक शाला में 60 दर्ज संख्या में एक प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक का नया सेटअप बनाया गया, जबकि 5 कक्षाओं में प्रति कक्षा में 4 विषय, इस तरह 20 कालखंड होगा, जो कि दो शिक्षको के लिए पढ़ाना संभव ही नहीं हैं,माध्यमिक शाला में 60 दर्ज संख्या में एक प्रधान पाठक और तीन शिक्षक होंगे, तीन कक्षाओं में 6 विषय 18 कालखंड हैं, जिसमें विषय आधारित अध्यापन होता है। जहां सभी विषय विशेषज्ञ होना जरूरी है। यही स्थिति हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी में भी बन रही है।

इसके साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की ऑफलाईन, ऑनलाइन जानकारी, बैठक, प्रशिक्षण, सर्वे आदि कार्य किया जाता है। इससे निश्चित ही शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

ऐसे विद्यालय जहां 10 से कम दर्ज संख्या वाले को बंद करने या एक ही परिसर के शालाओं को समायोजन करने पर अनुशासन व्यवस्था कमजोर होगा एवं संस्था प्रमुख अतिशेष होंगे। रसोइए व स्वीपर भी हटेंगे। कम दर्ज वाले शालाओं को बंद करना, आम जनता की शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन होगा। यदि आज दर्ज संख्या कम हैं, तो आगे बढ़ भी सकता है। इससे शिक्षकों पदोन्नति हेतु पद संख्या कम हो जाएगी और शिक्षकों को बहुत नुकसान होगा। नयी युक्तियुक्तकरण नियम में कनिष्ठ परिविक्षा अवधि वाले शिक्षकों, शिक्षामित्र को छोड़कर वरिष्ठ शिक्षक को अतिशेष करना सर्वथा अनुचित है।

*उपरोक्त स्थिति में यह स्पष्ट हैं, कि यह युक्तियुक्तकरण पूर्ण रूप से विसंगतिपूर्ण और शिक्षा को कमजोर करने वाला, शिक्षकों के अधिकारों को हनन करने वाला हैं। इसलिए युक्तियुक्तकरण के संदर्भित आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए, व्याख्याता, प्राचार्य सहित सभी लंबित पदोन्नति को पूर्ण करने एवं स्वतन्त्र विभागीय स्थानांतरण करने के पश्चात ही युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही 2008 के प्रचलित सेटअप अनुसार किया जावे। कम दर्ज संख्या वाले शालाओं को बंद करने एवं एक ही परिसर के शालाओं को समायोजन करने के नियम को निरस्त किया जाए। वर्ष 2018 में युक्तियुक्तकरण किया जा चुका है।

 

जिसपर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र 2023 की “मोदी की गारंटी” में पृष्ठ 24 के कंडिका 3 में उल्लेखित हैं, कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 57000 रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती होगी, यह पद सेटअप अनुसार ही स्वीकृत है तथा कंडिका 6 में उल्लेखित हैं, कि पूर्व सरकार द्वारा बंद किए गए स्कूल को फिर से खोलेंगे। जबकि अब स्कूल को बंद किया जा रहा है। इस तरह यह युक्तियुक्तकरण “मोदी की गारंटी” का खुला उल्लंघन है।

*उपरोक्त विसंगतियों को दूर करने के बाद अतिशेष होने की स्थिति में जो भी कनिष्ठ शिक्षक हैं, चाहे वह परिविक्षा अवधि में हो या शिक्षामित्र उसे अतिशेष किया जाए। वरिष्ठ को अतिशेष करना उसके अधिकार का हनन होगा।

ऑनलाइन अवकाश स्वीकृति को तत्काल प्रभाव से बंद कर पूर्व की भांति ऑफलाइन व्यवस्था ही लागू किया जाए। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ मांग करता हैं कि युक्तियुक्तकरण नियमों को रद्द करें, आनलाईन अवकाश के आदेश को निरस्त करें।

 

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Chhattisgarh Education Department : आज ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष अशोक गोटे, अशोक मृधा, टीकमचंद सिन्हा, प्रेमप्रकाश साहू, कमलेश गावड़े, मनोज सिन्हा, विजय कोशरिया, ओमप्रकाश यादव, होमन भुआर्य, हुबलाल रात्रे, कैलाश कोमरा, द्वारिका निषाद, किशोर टेमरिया, अगेश्वर उर्वशा, डेजी उर्वशा, हीराबती सेमरिया, अवध राम निषाद, अनिता नेताम, देवलाल नेताम, मिथिलेश मेश्राम, देव प्रसाद मंडावी, विष्णु शोरी, विजय लक्ष्मी नेताम, रूपधर नेगी, असित मंडल, जयंत दास, विरेन्द्र सिन्हा, राधेश्याम देहारी, धनाजू राम आंचले, दूजराम कोमरा, सुजन बढ़ई, मनमोहन सिकदार, फकीर कुंजाम, सावित्री कुंजाम, अनीता नेताम, गरीब नेताम, अनिरुद्ध चंद्रवंशी, धनी राम सिन्हा, जितेंद्र ध्रुव, चमेली ध्रुव, रुपेश कुमार ठाकुर, कुंदन साहू, केवल राम नेताम, ब्रज किशोर भोई, कैलाश भोई और बडी संख्या में शिक्षक शिक्षिका साथी शामिल थे।