5.71 लाख स्टूडेंट्स की आंसरशीट जांची जाएगी, मई में रिजल्ट आने की संभावना संभावना
रायपुर
छत्तीसगढ़ बोर्ड की 10वीं और 12वीं की आंसरशीट चेकिंग 26 मार्च से शुरू होगी। इस बार मूल्यांकन प्रक्रिया में ज्यादा सख्ती बरती जा रही है।
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127 शिक्षकों को पिछले साल जांच में की गई लापरवाही के चलते मूल्यांकन प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। इन शिक्षकों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और मूल्यांकन केंद्रों को भेज दी गई है, ताकी इनकी ड्यूटी ना लगाई जाए।
मूल्यांकन प्रक्रिया – 5.71 लाख छात्रों की कॉपियों की जांच होगी
इस बार बोर्ड परीक्षा में 5.71 लाख छात्र शामिल हुए हैं।
परीक्षा 1 मार्च से शुरू हुई थी और मुख्य विषयों की परीक्षाएं 24 मार्च तक समाप्त हो गईं। 10वीं की परीक्षा 24 मार्च और 12वीं की परीक्षा 28 मार्च तक चली। 27 मार्च से मूल्यांकन शुरू होगा और 36 मूल्यांकन केंद्रों में कॉपियों की जांच की जाएगी। 30 मार्च को बोर्ड की परीक्षाएं खत्म हो रही है।
20-25 दिन में मूल्यांकन, मई में आएगा रिजल्ट
बोर्ड के मुताबिक, 20-25 दिनों में कॉपियों की जांच पूरी होगी। इसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी। मई के दूसरे सप्ताह में रिजल्ट जारी होने की संभावना है। पिछले साल 10वीं का रिजल्ट 75.61% और 12वीं का 80.74% रहा था। खिलाड़ियों और अन्य छात्रों को मिलेगा बोनस अंक
बोर्ड परीक्षा में खिलाड़ियों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड और अन्य कैटेगरी के छात्रों को बोनस अंक देने का प्रावधान है। इस बार छात्रों की सूची लोक शिक्षण संचालनालय से मांगी गई है।
बोनस अंक की डिटेल-
खेलकूद (व्यक्तिगत और टीम इवेंट में पदक प्राप्त छात्र) राज्य स्तर: 10 अंक राष्ट्रीय स्तर: 15 अंक अंतरराष्ट्रीय स्तर: 20 अंक
एनसीसी आरडी परेड एवं मावलंकर शूटिंग: 15 अंक वायु सैनिक, नौ सेना, थल सेना: 15 अंक डी-कैट कैंप: 10 अंक
एनएसएस आरडी परेड: 15 अंक
स्काउट गाइड राज्यपाल पुरस्कार: 10 अंक राष्ट्रपति पुरस्कार: 15 अंक
साक्षरता कार्यक्रम (स्वयंसेवक/अनुदेशक): 10 अंक एग्जाम के दौरान परीक्षा केन्द्रों में सख्ती देखी गई। मूल्यांकन के समय भी टीचर्स का मोबाइल बैन रहेगा।
लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई, 127 शिक्षक बाहर किए गए पिछले वर्ष मूल्यांकन में गलतियों के चलते 127 शिक्षकों को डीबार किया गया।
10वीं के 59 और 12वीं के 68 शिक्षक बाहर किए गए। तीन से पांच साल तक मूल्यांकन प्रक्रिया से दूर रहेंगे। जिन शिक्षकों की जांच की गई कॉपियों में री-वैल्यूएशन के बाद 20 से 40 अंक तक वृद्धि हुई, उन्हें 3 साल के लिए डीबार किया गया। 41 से 49 अंक की बढ़ोतरी पर 5 साल के लिए मूल्यांकन से हटाया गया और एक वेतनवृद्धि रोकी गई। 50 से अधिक अंक बढ़ने पर 5 साल के लिए डीबार किया गया और वेतनवृद्धि रोकने की अनुशंसा की गई।
इस बार मूल्यांकन प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और सख्त बनाने के लिए मूल्यांकन केंद्रों में शिक्षकों के लिए मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया गया है। कॉपी जांचने के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्र में प्रवेश से पहले अपने मोबाइल फोन जमा कराने होंगे। बोर्ड का कहना है कि इससे अनुचित गतिविधियों, पेपर लीक जैसी घटनाओं और सोशल मीडिया पर उत्तरों की गलत तरीके से शेयरिंग को रोका जा सकेगा।
निरीक्षण टीम इस नियम का सख्ती से पालन करवाएगी, और उल्लंघन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।