दुर्ग। सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का
फरार मास्टरमाइंड आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी अरुण मेश्राम को कांकेर से
गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इसी प्रकरण में अंजोरा निवासी भेषराम देशमुख
और उसके पुत्र रविकांत देशमुख को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
प्रार्थी संतराम देशमुख (उम्र 54 वर्ष, ग्राम चिरचार, थाना अर्जुंदा, जिला बालोद) ने 2 जुलाई 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपियों ने मंत्रालय में नौकरी लगवाने के नाम पर उससे ₹5 लाख लेकर धोखाधड़ी की। जांच में पता चला कि आरोपियों ने अब तक 20–25 लोगों से इसी तरह ठगी की और लगभग ₹40–45 लाख की रकम हड़पी।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अरुण मेश्राम ने बताया कि उसने ठगी की रकम से कांकेर में 15 लाख रुपये का प्लॉट खरीदा था और पिछले तीन सालों से उसी पैसे से घर का खर्च चला रहा था। पुलिस ने उसके पास से प्लॉट एग्रीमेंट की कॉपी और ₹4,000 नगद जब्त किए हैं।
पुलिस ने बताया—
आरोपी ने खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया और लाखों रुपए ठग लिए।
मामले में शामिल अधिकारीगण:
चौकी प्रभारी अंजोरा उनि खेलन सिंह साहू के नेतृत्व में प्र.आर. सूरज पांडेय, राकेश सिंह, आर. टोमन देशमुख की टीम ने आरोपी को कांकेर से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।