Chakradhar Ceremony Raigarh : चक्रधर समारोह में राऊत नाचा का मंचन, रिकॉर्ड कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति

Chakradhar Ceremony Raigarh :

Chakradhar Ceremony Raigarh : तीन दिवसीय चक्रधर समारोह में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

 

Chakradhar Ceremony Raigarh :बाल कलाकारों से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कला दिग्गजों की मोहक प्रस्तुति से रोशन हुआ समारोह का मंच

 

तीन दिवसीय चक्रधर समारोह का हुआ समापन

 

 

 

Chakradhar Ceremony Raigarh :  रायगढ़ /रायपुर !   चक्रधर समारोह के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ सहित शहर के स्थानीय कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इस बार का चक्रधर समारोह खास रहा। तीन दिन के आयोजन में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति दी। स्थानीय प्रतिभाओं, बाल कलाकारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोर चुके कला दिग्गजों ने समारोह में शिरकत की।

 

Chakradhar Ceremony Raigarh : इंदिरा कला विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों के दल ने विभिन्न विधाओं में दी प्रस्तुतियां

 

 

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों के दल के अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें वादन, छत्तीसगढ़ के राज्य गीत अरपा पैरी के धार पर छात्र-छात्राओं ने खूबसूरत नृत्य के माध्यम से दर्शकों को सराबोर कर दी। नृत्य में संपूर्ण छत्तीसगढ़ की झलक दर्शकों को देखने की मिली।

Chakradhar Ceremony Raigarh : इसी प्रकार कार्यक्रम का विशेष केंद्र रहा ‘लोक में राम’ जिसमें छत्तीसगढ़ के लोक गीतों एवं नृत्यों में श्रीराम को किन-किन रूपों में पूजे जाते है, उसे लोक संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने लोक में राम की राम के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया।

 

स्थानीय प्रतिभाओं, युवा एवं लोक कलाकारों के प्रदर्शन से महका चक्रधर समारोह

 

 

कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय पद्मश्री ममता चंद्राकर के मार्गदर्शन में जिसमें मोनिका साहू, भारती जंघेल, कविता कुंभकार, झरना देवहारी, निशा ठाकुर, लक्ष्मी सिन्हा, प्रमोद साहू, राजू यादव, चंद्र प्रकाश साहू, तारन निषाद, रिंकू वर्मा, जीनू राम वर्मा, इसी प्रकार संगत का आदमी में डॉ.बिहारी ताराम ने बांसुरी में, हारमोनियम में डॉ.नत्थू तोड़े, तबला में जानेश्वर टांडिया, ढोलक में आशीष कुमार यादव, आर्गन में लक्ष्मीकांत साहू, मांदर में वेद प्रकाश रावते तथा बैंजो में नोहर साहू रहे। संयोजन एवं निर्देशन डॉ.योगेंद्र चौबे ने किया था।

रायगढ़ घराना की सुश्री तब्बू परबीन की ग्रुप ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें नन्ही बच्चियों नृत्य में दर्शकों के बीच विशेष केंद्र में रही और दर्शकों को बांधे रखा। सुश्री आशना दिल्लीवार के कथक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को ताली बजाने से अपने आप को रोक नहीं पाए। श्री इबरार अहमद एवं संजय चौहान रायगढ़ ने छत्तीसगढ़ी भजन/लोकगायन से समारोह के मंच में झूमने को मजबूर कर दिया।

सुश्री सुहानी स्वर्णकार सारंगढ़ द्वारा कथक नृत्य तो डॉ.गौरव कुमार पाठक बिलासपुर द्वारा शास्त्रीय गायन से दर्शकों को बंधे रखा।  युवराज सिंह आजाद एवं ग्रुप रायगढ़ द्वारा इप्टा नाटक की शानदार प्रस्तुति दी। अन्विका विश्वकर्मा में शिवतांडव एवं कृष्ण लीला पर तबले थाप और संगीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। चक्रधर समारोह में  अनिल तांडी एवं ग्रुप भिलाई द्वारा भरत नाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति ने मंत्र मुग्ध कर दिया।

 

 

उन्होंने अपने शिष्यों के साथ सरस्वती श्लोक, जति-स्वरम तथा देवी कीरतनम में भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुति दी। श्री अनिल तांडी ने भरतनाट्यम की पारंपरिक शिक्षा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से ली है।

मनोज तिवारी ने जस जागरण लोक संस्कृति रायगढ़ ने श्री राम जी की सेना, राम जी की सेना चली..हर हर महादेव का जोश पूर्ण प्रस्तुति दी। सुश्री शार्वी सिंह परिहार द्वारा अपने मनमोहक कथक नृत्य से दर्शकों को बांधे रखा। 10 वर्ष की सुश्री पर्ल मोटवानी ने राग जैजैवंती में बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल एवं तराना में जप रसना, हरि नाम सुमरले, अब लौ ना आए मोरे सांवरिया की शानदार शास्त्रीय गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी।

Chakradhar Ceremony Raigarh : चक्रधर समारोह में राऊत नाचा का शानदार मंचन, रिकॉर्डर कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति

 

तबला संगत में गुरु  उग्रसेन पटेल रहे। सुश्री धरित्री सिंह चौहान पुसौर ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही पंड़त पर गुरु प्रीति रुद्र वैष्णव, तबले में देवेश कंवर, हरमोनियम में लाला राम लूनिया रहे।  शेखर गिरी एवं ग्रुप द्वारा पंथी नृत्य पर जोरदार प्रस्तुति दी। ग्रुप ने देश के विभिन्न राज्यों के मंच में प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके साथ विभिन्न अवार्ड तथा पुरुस्कारों से सम्मानित हो चुके है।

विवेकानंद पुरस्कार इंटरनेशनल करेजियस 2020 अवार्ड एवं अन्य की पुरस्कारों से सम्मानित है वाल्मीकि अवार्ड भारतीय दलित साहित्य अकादमी से पुरस्कृत ग्रुप ने तोरे भरोसा म नैय्या लग रेव बीच भंवर मा.. में शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी।

ललित यादव ने सुगम संगीत भजन की प्रस्तुति दी। उनके साथ गायक ललित यादव रायगढ़, कन्हैया पटेल, हारमोनियम में श्री नारायण चंद्रा संगीत महाविद्यालय, आर्गन में श्री रमेश साहू, वाईडींग में श्री भुनेश्वर मराई रहे। डॉ.दीपिका सरकार एवं ग्रुप द्वारा भरत नाट्यम के माध्यम से अपनी घुंघरू की खनक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बिखेर चुकी है। उन्होंने गणेश वंदना से अपनी प्रस्तुति प्रारंभ की।

हरे कृष्ण तिवारी सारंगढ़ ने अपने बांसुरी वादन से मंच को सुरुली स्वर से गुंजायमान किया। इनके साथ संगत तबला में श्री अजीत हरिप्रिय, सारंगढ़ तबला विशारद, स्वर मंडल में श्री ऋषि केश प्रधान रहे। सुश्री शार्वी केशरवानी ने गुरु श्रीमती तोषी गुप्ता के निर्देशन में राग हंसध्वनि तराना में कथक की प्रस्तुति दी।

 

जसगान एवं लोक गायन से बही भक्ति धारा

 

विजय शर्मा ने जसगान एवं लोक गायन के साथ मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। चंद्रा सैनी मैया तोरे जस गाओ ओ..माता जस गीत, कोरी कोरी नारियल चढ़े, ओ दाई मोर लाली लाली चुनरी ओढ़े.. चैईत के महिना दाई आबे मंझनी, बोरे बासी संग म खवाहू तोला ओ पाताल चटनी…जैसे गीतों की झड़ी से दर्शक भक्ति भाव से विभोर हो गए। सुश्री गीतिका वैष्णव ने महिषासुर मर्दिनी पर ओज पूर्ण प्रस्तुति दी। गायन में गीतिका वैष्णव, संतोष शर्मा, शौर्य आचार्य तथा वादन में ओमप्रकाश महंत, बालमुकुंद वैष्णव, पैड में रामसागर साह रहे। सुश्री अनंता पाण्डेय ने जय देव जय देव गणपति.., नमो नमो नमास्तुते के गीत पर कथक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।

छत्तीसगढ़ी लोकगीत में झूमे श्रोता, तालियोंं की गडग़ड़ाहट से गूंजा ऑडिटोरियम

 

विजय सिंह ग्रुप के छत्तीसगढ़ी लोक गीत की प्रस्तुति से ऑडिटोरियम में बैठे श्रोतागण झूृम उठे। उन्होंने आगे हरेली तिहार, करमा कुहकी गाबो मांदर के ताल मा.. गौरा-गौरी, गोहर गोहर, गौरा गौरी की प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होंने दुर्गा जस गीत एवं होली के उत्सव पर गाये जाने वाले फाग गीत पर गायन एवं नृत्य से दर्शकों का मनोरंजन किया !

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