CG Update news : सातवें वेतनमान के अनुरुप गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारी अधिकारी सरकार के खिलाफ फिर उतरेंगे सड़क पर

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 के एस ठाकुर 

CG Update news : कर्मचारी अधिकारी एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सरकार से आमने-सामने

CG Update news : राजनांदगांव ! छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारी अधिकारी अपनी 2 सूत्रीय मांगों केंद्र के समान 34% डी ए एवं सातवें वेतनमान के अनुरुप गृह भाड़ा भत्ता देने को लेकर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा महा संगठन जिसमें प्रदेश के अनेक कर्मचारी संगठन समाहित है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 25 जुलाई 2022 से एक बार फिर सड़क पर उतरेंगे ।

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इससे पहले भी अधिकारी कर्मचारियों ने केंद्र के समान मंहगाई भत्ता देने की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार की ओर से इनकी मांगों पर किसी प्रकार का कोई भी ध्यान नहीं देने की वजह से सभी ने हक की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया और इसी के तहत 25 जुलाई से प्रदेश भर के लाखों कर्मचारी अधिकारी सरकार के विरुद्ध सड़क पर उतरेंगे ।

5 दिवसीय इस कार्यक्रम की रूपरेखा में 25 से लेकर 28 तक कर्मचारी ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदशर्न और नारेबाजी तथा सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे। वही 29 जुलाई को जिले स्तर पर एकत्र होकर शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत सरकार को दिखाने का प्रयास करेंगे ।

अब देखना यह है कि अधिकारी कर्मचारी का पांच दिवसीय हड़ताल क्या अपनी मांगों को मानने के पश्चात ही वापस होगा या फिर हमेशा की तरह सरकार इनको आश्वासन या कमेटी गठित करने की बातें करके सरकारी अधिकारियों कि हड़ताल को वापस लेने के लिए मनवाने में सफल हो पाता है।

इस हड़ताल को लेकर कर्मचारी अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली है और सरकार के साथ हक की लड़ाई लड़ने को संकल्पित है। यदि उनकी हड़ताल 29 तक चलती है तो एक प्रकार से राज्य का कामकाज पूरी तरह से 9 दिन के लिए बंद के समान हो जाएगा क्योंकि 23 और 24 तारीख को शनिवार रविवार होने के कारण वैसे भी सारे कार्यालय बंद रहगे और फिर सोमवार से शुक्रवार तक चले हड़ताल के बाद फिर शनिवार रविवार आ जाए इस प्रकार अघोषित रूप से उनके आंदोलन 9 दिन का हो सकता है। इतने दिनों तक ऑफिस कार्यालय स्कूल बंद रहने का असर निश्चित तौर से है सरकारी काम काज पर असर पडेगा और आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।

डीए की मांग किसी एक संगठन के कर्मचारी अथिकारी कि नहीं अपितु छत्तीसगढ़ के सारे कर्मचारी अधिकारी की है ऐसी स्थिति में सभी अधिकारी कर्मचारियों को अपने अपने संगठन के हितों को त्याग एक साथ हड़ताल पर चले आना चाहिए।

वैसे तो राज्य सरकार का अपने कर्मचारियों के प्रति एक दायित्व होता है कि जैसे ही केंद्र अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ देता है वैसे ही राज्य सरकार को भी अपने कर्मचारी को मंहगाई भत्ता देने की घोषणा कर देनी चाहिए ,लेकिन ऐसा होता नहीं है यही कारण है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के डीए और राज्य सरकार के कर्मचारियों के मंहगाई भक्तों में बहुत ज्यादा अंतर होता है जहां एक और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34% महंगाई भत्ता दे रही और अगस्त माह में जुलाई में मिलने वाले महागाई भत्ता की और घोषणा कर सकती हैं जो कि बढ़कर के 38पर्सेंट हो सकता है वहीं राज्य सरकार अपने कर्मचारी को केवल 22 प्रतिशत दे रही है ।

डीए की मांग किसी एक संगठन के कर्मचारी अथिकारी कि नहीं अपितु छत्तीसगढ़ के सारे कर्मचारी अधिकारी की है ऐसी स्थिति में सभी अधिकारी कर्मचारियों को अपने अपने संगठन के हितों को त्याग एक साथ हड़ताल पर चले आना चाहिए। वैसे तो राज्य सरकार का अपने कर्मचारियों के प्रति एक दायित्व होता है कि जैसे ही केंद्र अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ देता है वैसे ही राज्य सरकार को भी अपने कर्मचारी को मंहगाई भत्ता देने की घोषणा कर देनी चाहिए ,लेकिन ऐसा होता नहीं है यही कारण है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के डीए और राज्य सरकार के कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में बहुत फर्क है।

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