महासमुंद: महासमुंद जिले के सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान कर दिया है, जो प्रदेश के किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है। यदि हड़ताल होती है, तो इसका असर समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी पर पड़ सकता है। संघ के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने कहा कि कर्मचारियों को अनियमित वेतन, धान खरीदी की नीतियों में संसोधन, और जिला सहकारी बैंक में आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई है।
कर्मचारियों की मांगों में 3 लाख प्रति समिति प्रति वर्ष वेतन अनुदान, धान में सुखत का प्रावधान, और भर्तियों में आरक्षण शामिल हैं। महासमुंद के सहकारी समिति कर्मचारियों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है और कहा है कि वे इसमें शामिल होंगे।
वहीं, धान खरीदी की तैयारी के निर्देश तो दिए गए हैं, लेकिन समितियों को आवश्यक राशि नहीं मिली है, जिससे तैयारियों में बाधा आ रही है। जानकारी के अनुसार, जिले के आधे से अधिक समितियों के कर्मचारियों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके दीवाली के त्योहार की खुशी फीकी पड़ गई है।
इस स्थिति से नाराज कर्मचारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो हड़ताल में शामिल होने वाले करीब 700 कर्मचारी, जिसमें समिति प्रबंधक, लिपिक, विक्रेता, प्रोसेसर्वर, चपरासी और चौकीदार शामिल हैं, अपनी आवाज उठाएंगे।
संघ के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो इसका असर धान खरीदी पर होगा, जिससे किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।