Cg news- अग्रवाल जाति की पृथक रूप से जनगणना किये जाने का अनुरोध

 

 भारत के महारजिस्ट्रार व जनगणना आयुक्त को छत्तीसगढ़ प्रंतीय अग्रवाल संगठन ने भेजा पत्र

दिलीप गुप्ता
सरायपाली

भारत मे आगामी दिनों जातीय जनगणना की जानी है । इस जाति जनगणना में अग्रवाल जाति की पृथक रूप से जनगणना किये जाने का अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया है ।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ अग्रवाल सम्मेलन संगठन के अध्यक्ष अशोक सियाराम जी अग्रवाल ने जानकारी देते हुवे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारत के महारजिस्ट्रार व जनगणना आयुक्त दिल्ली को भेजे गए पत्र में कहा है कि भारत सरकार ने आगामी जनगणना के अंतर्गत देश के समस्त नागरिकों की सामाजिक आर्थिक स्थिति के साथ ही जाति की जानकारी एकत्र करने (कास्ट सेन्सस) करने की घोषणा की गई है आगामी प्रस्तावित जनगणना के प्रपत्र (फार्म) में जातियों की निर्धारित सूची में “अग्रवाल जाति” को पृथक रूप से अंकित किया जाये.
अग्रवाल जाति के लोग परंपरागत रूप से व्यापार , व्यवसाय व वाणिज्य क्षेत्र में संलग्न रहे हैं इसलिए इन्हें ब्रिटिश शासन काल के समय से ही बनिया या वैश्य शब्द से संबोधित किया जाता रहा है और जातिगत कालम में भी यही दोनों शब्द प्रीफिक्स के रूप में उपलब्ध हैं, ब्रिटिश शासन के समय से ही जनगणना में यह त्रुटि, चली आ रही है जिसे अब आगामी जनगणना में सुधारने की आवश्यकता है ।
, देश और दुनिया में फैले लाखों / करोड़ों अग्रवाल समुदाय के लोग प्रमुखतः हिन्दू धर्म का पालन करते हैं और कुछ जैन धर्म के मतावलंबी भी हैं. प्रचलित वर्ण व्यवस्था के अनुसार हमें वैश्यों की श्रेणी में रखा गया है और व्यापार, वाणिज्य उद्योग में कार्यरत होने के कारण “बनिया” कहकर भी संबोधित और वर्गीकृत किया जाता है. जनगणना में हमें स्वतंत्र, पृथक जाति के रूप मान्यता नहीं होने से हमारे अग्रवाल समुदाय (जाति) के लोग भ्रमित होकर जाति के कालम में स्वयं को “अग्रवाल” नहीं लिखा पाते. हमें अब तक वैश्य/बनिया / मारवाड़ी या अन्य की श्रेणी में जोड़ दिया जाता रहा है. अब चूंकि भारत सरकार और आपका विभाग नये सिरे से जनगणना की समस्त जानकारियां जुटायेंगे, इसलिये हमारे इस प्रतिवेदन पर न्यायपूर्ण निर्णय आवश्यक है. अग्रवाल जाति और इसके लोगों के सही जनसंख्या, सामाजिक आर्थिक सांख्यिकी आंकड़ों से हम और सरकार परिचित हो पायेंगे. देश की इतर जातियों की तरह अग्रवाल जाति कीजनसंख्या और सामाजिक आर्थिक स्थिति का उचित रिकॉर्ड रखा जा सकेगा. जनगणना के आंकड़ों के आधार पर हम अपनी जाति की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का तथ्यात्मक विश्लेषण कर सकेंगे व सामाजिक हित मे आवश्यक कदम उठा सकेंगे.
अध्यक्ष अशोक सियाराम अग्रवाल ने प्रेषित ज्ञापन में अनुरोध करते हुवे कहा है कि डेज़ह में अग्रवाल जाति की सही व वास्तविक आंकड़ों के लिए आगामी प्रस्तावित जनगणना / जाति जनगणना की प्रक्रिया में अग्रवाल जाति के लोगों को स्वयं की जाति ‘अग्रवाल’ दर्ज कराने के लिये कानूनी प्रावधान किया जाये. जनगणना प्रपत्रों में आवश्यक सुधार संशोधन किया जाये और जातियों की सूची में ‘अग्रवाल जाति’ को शामिल किया जाये. समस्त सांख्यिकी आंकड़ो का निर्धारण करते समय अग्रवाल जाति के आंकड़े पृथक दर्शाये जायें.
जनगणना उपरांत अग्रवाल जाति के लोगों के वर्तमान वास्तविक संख्या, उनकी आर्थिक सामाजिक – शैक्षणिक दशा के ब्योरे सार्वजनिक किये जाने के साथ ही समाज द्वारा दिये गए प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही से हमारे संगठन को अवगत कराये जाने का अनुरोध किया गया है ।