CG Kharora News today नैतिक मूल्यों का समावेश किए बिना वर्तमान शिक्षा अधूरी

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CG Kharora News today खरोरा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मे शिक्षक दिवस पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

CG Kharora News today  समारोह में वॉइसचांसलर एमीटी यूनिवर्सिटी डॉ पीयूष कांत पांडेय जी, उपप्रधानाचार्य भरत देवांगन विद्यालय हरीश देवांगन,रिटायर्ड प्राचार्य सीता राम यादव , वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका उमा दीदी मौजूद रहे.

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CG Kharora News today  अपने सम्बोधन में वॉइसचांसलर एमीटी यूनिवर्सिटी डॉ पीयूष कांत पांडेय ने कहा की कि आध्यात्मिक ज्ञान के बिना आज की शिक्षा अधूरी है।कलयुग के समय पर मूल्य आधारित शिक्षा की बहुत अधिक आवश्यकता है। शिक्षा में समग्रता का अभाव है। भौतिकता के दौर में हम आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप अपने मूल स्वरूप यानि आत्मा और परमात्मा को भूल गए हैं।

CG Kharora News today  उन्होंने दुनिया में सबसे अच्छी शिक्षक माँ को बतलाते हुए कहा कि हमारे समाज की मूल इकाई परिवार है। जिसे हम माताओं के द्वारा शिक्षित कर सकते हैं। माताओं में पुरूषों की अपेक्षा आध्यात्मिकता और धार्मिकता बहुत ज्यादा होती है। सीखने की भी एक उम्र होती है। इसलिए नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा बचपन से ही दिया जाना चाहिए।

हरीश देवांगन ने कहा कि जिस किसी से हमें जीवन में कुछ सीखने को मिलता है वह सभी हमारे लिए शिक्षक हैं। मनुष्य को अपनी क्षमता और शक्ति पर किसी तरह का अहंकार नहीं होना चाहिए। क्रोध से भी कोई फायदा नहीं है इसलिए इनसे बचना चाहिए। यह दोनों ही बुराइयाँ हमें नुकसान पहुचाती हैं। प्रकृति हमें सर्दी, गर्मी और बाढ़ के माध्यम से यह सबक सिखाती है कि उसके आगे मनुष्य तुच्छ है।

सीताराम यादव ने कहा कि शिक्षा में मूल्यों का बहुत ज्यादा महत्व है। हमको सेना में देशभक्ति के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा दी जाती है। बचपन से जो संस्कार हमें घर पर मिलते हैं वह बड़े होने पर बहुत काम आते हैं। तकनीकी ज्ञान के साथ ही जीवन मूल्यों का ज्ञान भी जरूरी है। अगर हमारे अन्दर मानवता के कल्याण की भावना नहीं है तो हमारी शिक्षा अधूरी है।

क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी उमा दीदी ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली ने बहुत तरक्की की है। वर्तमान शिक्षा अच्छे डॉक्टर, इन्जीनियर तो बना रही है किन्तु आध्यात्मिक शिक्षा के अभाव में समाज में अच्छे इन्सानों की कमी हो गई है। उच्च शिक्षित होने के बावजूद लोगों का मनोबल बहुत कमजोर है। इसीलिए लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे समय पर जीवन में भौतिकता और आध्यात्मिकता का सन्तुलन रखने की जरूरत है।

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कार्यक्रम मे खरोरा परिछेत्र के सैकड़ो शिक्षक शामिल हुए .

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