नेताओं पर दर्ज मामले होंगे ख़त्म,सैकड़ो मामले थे दर्ज,देखिये किस किस को राहत!

हिमांशु/ राजनीति में नेताओं कार्यकर्ताओं के ऊपर राजनीतिक धरना प्रदर्शन आंदोलन के दौरान पुलिस मे दर्ज हुए राजनीतिक मामले को ख़त्म करने जा रही है… इससे कार्यकर्ताओ को राहत मिलेगी जिन्हे आए दिन कोर्ट, कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे..छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए राजनीतिक मामलों को साय सरकार समाप्त करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के कार्यकाल में भाजपा नेताओं पर दंगा भड़काने, शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ करने और अफसरों से विवाद करने जैसे आरोप लगाकर 134 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 54 मामलों को वापस लिया जाएगा….

साय कैबिनेट की बैठक में मंत्रिपरिषद की उप समिति ने इन प्रकरणों को खत्म करने की सिफारिश की है। इन मामलों में मंत्री, विधायक और राज्य व जिला स्तर के भाजपा नेता शामिल हैं।

इन्हे मिलेगी राहत…

गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिन नेताओं के खिलाफ मामले वापस लिए जाएंगे, उनमें मंत्री दयालदास बघेल, शकुंतला पोर्ते, उद्धेश्वरी पैकरा, सुशांत शुक्ला, कृष्णकांत चंद्र, योगेश्वर राजू सिन्हा, गजेंद्र यादव, रिकेश सेन, और सौरभ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इन नेताओं के अलावा राज्य और जिला स्तर के अन्य 54 नेताओं को भी राहत मिलेगी।

मंत्री परिषद द्वारा गठित उप समिति ने इन मामलों की समीक्षा की थी, और पहले चरण में 54 प्रकरणों को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद इन मामलों को लेकर गृहमंत्री कार्यालय में अधिकारियों से चर्चा की गई थी।

 

राजनितिक ब्यानबाजी…

बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने आरोप लगाया कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी हो रही थी। बीजेपी नेताओं को सड़कों पर विरोध करने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर धमकियां दी गई। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद उन पर लगे झूठे मामलों को खत्म किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के कई नेताओं पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज है। मगर इसे राजनीतिक प्रकरण की आड़ में मामलों को खत्म करने की साजिश की जी रही है।

 

पूर्वर्ती सरकार मे भी हुआ था fir शून्य….

छत्तीसगढ़ में यह पहला मामला नहीं है, जब राजनीतिक प्रकरणों को खत्म किया जा रहा है। कांग्रेस कार्यकाल में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रियों के साथ मिलकर ऐसे मामलों को खत्म करने का निर्णय लिया था। इसके तहत 21 राजनीतिक प्रकरणों को खत्म करने की सिफारिश की गई थी।