Campaign against Naxalites
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के शांति वार्ता प्रस्ताव पर कड़ा रूख अपनाया है. उन्होने नक्सलियों के प्रस्ताव पर साफ कर दिया की सुरक्षाबलों का अभियान नही रूकेगा. प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा होकर रहेगा.
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने वार्ता की मांग को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि “जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी मारे गए, तो किसी को पीड़ा नहीं हुई, लेकिन अब तेलंगाना के लोग फंस रहे हैं तो दुख जताया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में राज्य में 400 से अधिक नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया, लेकिन तब किसी ने शांति वार्ता की बात नहीं उठाई.
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ के भोले -भाले आदिवासियों को नक्सली बना दिया गया और उन्हें आंध्रप्रदेश-तेलांगाना के माओवादी कंट्रोल कर रहे थे. जब बस्तर के नक्सली मारे जा रहे थे तब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के माओवादी शांत थे . जब हमारे सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बड़े कमांडरों को घेर लिया तब उन्हें शांति वार्ता की याद आ रही है. अगर नक्सली वार्ता चाहते हैं, तो वे स्पष्ट करें कि उनकी तरफ से बातचीत करने वाला प्रतिनिधि कौन होगा? गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए तैयार है, लेकिन हिंसा बंद किए बिना वार्ता नहीं होगी. उन्होंने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन आतंक के आगे झुकेंगे नहीं.
कर्रेगुट्टा में जारी है ऑपरेशन
तेलंगाना सीमा के पास कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में पिछले 8 दिनों से सुरक्षाबलों का अभियान चल रहा है. इस दौरान कई नक्सलियों के ठिकाने ध्वस्त किए गए हैं. गृहमंत्री ने इसे “छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति” बताया.