:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- एक शासकीय कर्मी को इतनी भी जानकारी नही है कि उसे कब , कहाँ व किस तरह का विज्ञापन देना है । अपनी कुर्सी बचने व चापलूसी की कुछ अधिकारी हद पार कर स्वयं परेशानी में पड़ जाते हैं ।
इसी तरह का एक प्रकरण 15 अगस्त के बधाई संदेश वाले विज्ञापन में बसना में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी सुखराम निराला द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की बधाई तो दी गई
पर साथ ही सांसद श्रीमती रूपकुमारी को छत्तीसगढ़ भाजपा का नवनियुक्त प्रदेश उपाध्यक्ष
बनने की सार्वजनिक तौर पर भी बधाई दे दी जो कि एक शासकीय कर्मचारी व अधिकारी
के लिए सिविल सेवा आचरण के खिलाफ है ।
ज्ञातव्य हो की विगत 15 अगस्त को रायपुर से प्रकाशित एक अखबार में बसना में वन विभाग मे पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी सुखराम निराला द्वारा स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता दिवस का एक बधाई संदेश विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया । इस विज्ञापन में बसना विधायक संपत अग्रवाल के साथ साथ महासमुन्द लोकसभा सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी की भी फोटो लगाई गई है ।

वन परिक्षेत्र अधिकारी सुखराम निराला द्वारा अपनी स्वयं की फूल ड्रेस फोटो के साथ दिए गए बधाई संदेश में सर्वप्रस्थम उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की सभी को बधाई दी है तथा उसके बाद उन्होंने सांसद रूपकुमारी चौधरी को बधाई देते हुवे लिखा है कि
“” राष्ट्रसेवा, जनकल्याण और राष्ट्रवाद की विचारधारा को समर्पित विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ के उपाध्यक्ष नियुक्त होने पर महासमुंद सासंद सम्माननीय रूपकुमारी चौधरी जी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं “” प्रकाशित कर बधाई दी गई है ।
रेंजर निराला की यह बधाई पुर्णतः व विशुद्ध रूप से राजनैतिक बधाई है जो कि एक शासकीय अधिकारी द्वारा इस तरह की सार्वजनिक तौर पर विज्ञापन या बधाई नही दी जा सकती । यह सिविल सेवा आचरण के खिलाफ है ।
इस मामले को सरायपाली विधायक चातुरी नन्द ने भी गंभीरता से लिया है संभव है कि उनके द्वारा इसकी शिकायत के साथ साथ विधानसभा में भी प्रश्न उठाया जा सकता है ।
इस संबंध में स्थानीय अधिवक्ता संतोष ठाकुर विधिक जानकारी देते हुवे बताया कि वन परिक्षेत्र अधिकारी का उक्त कृत्य कदाचरण की श्रेणी में आता है तथा इसमें विभागीय जांच व कार्यवाही का प्रावधान है । छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 5(1) तहत कोई भी शासकीय सेवक किसी भी राजनैतिक दल या किसी ऐसे संगठन का, जो राजनीति में भाग लेता हो, न तो सदस्य होगा न उसमें अन्यथा सम्बन्ध रखेगा और न अन्य किसी रीति में उसकी सहायता करेगा।
तथा धारा 9(2) के तहत कोई भी शासकीय सेवक शासन या विहित प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना, वा आने सद्भावनापूर्वक निर्वहन करने की स्थिति को छोड़कर न तो किसी अन्य मीडिया प्रसारण) (बाडकास्ट) में भाग लेप और न ही किसी समाचार पत्र या नियतकालिक पत्रिका में अपने स्वयं के नाम से वा गुमनाम तौर पर कल्लित नाम से या किसी अन्य व्यक्ति के नाम से कोई लेख देगा या कोई पत्र लिखेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष ठाकुर ने बताया कि उक्त अधिकारी द्वारा उपरोक्त दोनों धाराओं के उलंघन करते हुवे नियम विरुद्ध आचरण किया गया है ।
वहीं एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र शर्मा ने बताया कि हां कोई भी अधिकारी ऐसा नही का सकता । यह शासकीय सेवा आचरण के विरुद्ध है ।
जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी सुखराम निराला अगले वर्ष जून माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं । इसकी शिकायत सम्बंधित विभाग के उच्च अधिकारियों से भी की जायेगी ।