रायपुर। लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शून्यकाल में रायपुर के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने इंश्योरेंस क्लेम, वाहन चोरी के मामलों तथा अप्राकृतिक मृत्यु की स्थितियों में आवश्यक नॉन-ट्रेसेबल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जारी करने की पुलिस प्रक्रिया को पूर्णतः ऑटो-डिजिटल तथा पारदर्शी बनाने की मांग उठाई।
सांसद अग्रवाल ने सदन में कहा कि अप्राकृतिक मृत्यु होने पर परिवार पहले से दुखी होता है, ऐसे में दस्तावेज प्राप्त करने के लिए थाने के चक्कर लगवाना अमानवीय और अन्यायपूर्ण है। इसी तरह चोरी की घटनाओं में नॉन-ट्रेसेबल सर्टिफिकेट के लिए लंबी एवं भ्रष्टाचार युक्त प्रक्रिया के कारण इंश्योरेंस क्लेम महीनों तक अटके रहते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इन प्रक्रियाओं को पूरी तरह डिजिटल करने से मानवीय हस्तक्षेप खत्म होगा और भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी। यह समस्या किसी एक राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि रिश्वतखोरी के मामलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव एवं डीजीपी को नोटिस जारी करना पड़ा था।
व्यवहारिक समाधान प्रस्तुत करते हुए सांसद ने सुझाव दिया कि सभी रिपोर्टों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) से जोड़ा जाए तथा इनकी ऑटो-डिलीवरी सीधे पीड़ित व्यक्ति के मोबाइल पर सुनिश्चित की जाए। साथ ही पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध, ट्रैक करने योग्य और पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि यह कदम आम नागरिकों के लिए राहतकारी साबित होगा तथा पुलिस व्यवस्था में जनविश्वास को मजबूत करेगा।