मैट्स विश्वविद्यालय में पुस्तक महोत्सव…प्रकाशक और पुस्तक विक्रेताओं ने लिया भाग


पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गजराज पगारिया जी के द्वारा किया गया। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत का जश्न मनाना और छात्रों तथा पाठकों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. कल्पना चंद्राकर ने की।


पुस्तक महोत्सव में विभिन्न प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं ने भाग लिया। इस दौरान, छत्तीसगढ़ के इतिहास, कला, संस्कृति और साहित्य से संबंधित कई पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया। छात्रों और साहित्य प्रेमियों ने इस अवसर पर बडें उत्साहपूर्वक भाग लिया।


डॉ. चंद्राकर ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ के 25 साल के सफर और शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ‘पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती हैं और इस तरह के महोत्सव हमें अपनी जड़ों से जुड़ने और भविष्य के लिए प्रेरित होने का अवसर देते हैं।

यह पुस्तक महोत्सव न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान करने का एक मंच था, बल्कि यह छत्तीसगढ़ राज्य की गौरवशाली रजत जयंती को मनाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी था। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।


संस्था के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, डाॅयरेक्टर जनरल प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो.डाॅ. श्री के.पी.यादव, उपकुलपति डाॅ. दीपिका ढ़ांढ एवं कुलसचिव श्री गोकुलानंद पंडा, ने कार्यक्रम की प्रशंसा की। समारोह में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण उपस्थिति रहे।

विभाग के शिक्षकगणों में सहायक प्राध्यापक संजय शाहजीत, लुकेश कुमार मिर्चे, ओमलता साहू एवं सहायक ग्रंथपाल श्री शशिकांत कोसरे का कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा।

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