BJP’s fruit politics : हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने बिहार में नवरात्रि के अवसर पर भाजपा की फलाहार पॉलिटिक्स

BJP's fruit politics :

BJP’s fruit politics :  हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने बिहार में नवरात्रि के अवसर पर भाजपा की फलाहार पॉलिटिक्स

BJP’s fruit politics :  पटना । अगले साल होने वाले संभावित लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीति के तहत तैयारी में जुट गए हैं। इस बीच, भाजपा अपने हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने में जुटी है। वैसे, बिहार में इफ्तार को लेकर सियासत कोई नई बात नहीं है। राजद और जदयू के नेता रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं। इस नवरात्रि को लेकर भाजपा के कई नेताओं ने फलाहार का आयोजन किया है।

BJP’s fruit politics :  भाजपा के नेताओं का कहना है कि अगर रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी आयोजित की जा सकती है तो नवरात्र के मौके पर सनातन धर्मावलंबी उपवास करते हैं, ऐसे में फलाहार पार्टी देने में क्या बुराई है। इस नवरात्रि में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश के कोषाध्यक्ष राकेश सिन्हा, प्रवक्ता नीरज कुमार सहित कई नेताओं ने फलाहार पार्टी आयोजित की, जिसमे पार्टी के नेताओं के अलावा आम लोगों को आमंत्रित किया गया। बड़ी संख्या में लोग भी इनकी फलाहार पार्टियों में पहुंचे।

BJP’s fruit politics :  विधानसभा में विपक्ष के नेता सिन्हा कहते हैं कि महागठबंधन के लोग तुष्टिकरण के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं, जबकि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सभी वर्गों के संतुष्टिकरण सिद्धांत के तहत नवरात्र में फलाहार प्रसाद का निरंतर आयोजन करेगी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का अपमान और इसके प्रति भ्रामक वातावरण बनाना सनातन विरोधियों की आदत बन गई है। फलाहार का आयोजन इन अराजकतत्वों को सकारात्मक संदेश देने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि शक्ति की भक्ति से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। सिन्हा द्वारा आयोजित फलाहार कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित भाजपा के कई नेता पहुंचे।

इधर, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन कहते हैं कि भाजपा की शुरू से ही राजनीति मंदिर के इर्द गिर्द घूमती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा छह महीने के बाद भाजपा के नेताओं को फलाहार ही करना होगा और मंदिर में ही जाकर बैठना होगा। जनता इनकी सियासत को जान चुकी है। राजीव रंजन ने भाजपा के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि अभी भी भाजपा के नेताओं के पास समय है कि जनता से जुड़े कामों पर ध्यान दे, शायद लोग कुछ इन्हें दे दें।

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इधर, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि भाजपा को हिन्दू-मुस्लिम के अलावा और कुछ नहीं आता है। सिर्फ फलाहार, इफ्तार, चंदन, रुद्राक्ष, टिकी पर बोलेंगे, लेकिन जनता क्या चाहती है, इसपर कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि ये महाघृनित टाइप के लोग हैं। चौधरी ने कहा कि देश की जो आत्मा है, उसको समझना होगा। हम गंगा जमुनी संस्कृति के लोग हैं। भाजपा के पास हिंदू मुस्लिम करने के अलावा और कुछ नहीं है।

भाजपा के नेता और बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा का कहना है कि आखिर महागठबंधन के नेताओं को हमारे फलाहार के आयोजन से इतनी घृणा क्यों है। हमलोगों ने तो इफ्तार का विरोध कभी नहीं किया। उन्होंने कहा कि सभी को अपने अपने धर्म को लेकर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर छूट है। सभी इसे आयोजित करते हैं। बहरहाल, भाजपा के नेताओं द्वारा किए जा रहे फलाहार कार्यक्रम को लेकर प्रदेश में सियासत जमकर हो रही है। माना जा रहा है कि महागठबंधन के नेता जहां भाजपा को हिंदुत्व के मुद्दे को कुंद करने की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं भाजपा विभिन्न मामलो के जरिए हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने में जुटी है। अब किसके मुद्दे को जनता पसंद करती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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