बिहान योजना ने बदली शांति दुग्गा की जिंदगी, किराना दुकान से ट्रैक्टर तक का सफर, सालाना आय 5 लाख के करीब…

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की बिहान योजना ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव की मिसाल बनती जा रही है। जिला नारायणपुर के विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत ग्राम कुरूषनार की निवासी शांति दुग्गा आज आत्मनिर्भर ग्रामीण महिला की सशक्त पहचान बन चुकी हैं। रोशनी स्व सहायता समूह की सक्रिय सदस्य और प्रतीज्ञा ग्राम संगठन से जुड़ी शांति दुग्गा ने सीमित आय से निकलकर स्वरोजगार के जरिए आर्थिक मजबूती हासिल की है।

शांति दुग्गा 19 अगस्त 2019 को स्व सहायता समूह से जुड़ी थीं। इससे पहले उनका परिवार कृषि कार्य और वनोपज संग्रहण पर निर्भर था, जिससे आय सीमित थी। समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने नियमित बचत की शुरुआत की। शासन से समूह को 15 हजार रुपये की चक्रीय निधि और 60 हजार रुपये की सामुदायिक निवेश कोष राशि मिली, जिससे वित्तीय अनुशासन और लेन-देन की समझ विकसित हुई।

बैंक लिंकेज के माध्यम से शांति दुग्गा ने पहली बार 1 लाख रुपये का ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की। व्यवसाय में सफलता मिलने के बाद उन्होंने 2 लाख 70 हजार रुपये का ऋण लेकर कपड़ा व्यवसाय की शुरुआत की। बाजार और हाट के काम को विस्तार देने के लिए उन्होंने एक पिकअप वाहन भी खरीदा। नियमित आय होने के कारण वे समय पर ऋण की किश्तें और ब्याज का भुगतान करती रहीं।

व्यवसाय के विस्तार और बढ़ते आत्मविश्वास के साथ शांति दुग्गा ने तीसरे चरण में 6 लाख रुपये का ऋण लेकर ट्रैक्टर खरीदा। आज उनके परिवार की वार्षिक आय 4 से 5 लाख रुपये तक पहुँच चुकी है, जिससे परिवार का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से बेहतर हुआ है।

शांति दुग्गा का कहना है कि बिहान योजना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा पा रही हैं। उनकी सफलता कहानी यह साबित करती है कि सही मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं के सहयोग से ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम कर सकती हैं।

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