भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 की पांचवीं मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक के नतीजे जारी कर दिए हैं। शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कटौती का ऐलान करते हुए कर्जदारों को राहत दी। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर को बेहद मजबूत बताया और मौजूदा हालात को ‘गोल्डीलॉक्स’ काल करार दिया—यानी न ज्यादा गर्म, न ज्यादा ठंडा, बिल्कुल संतुलित।
लोन EMI में होगी सीधी बचत
रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा अब बैंक भी ग्राहकों तक पहुँचाएंगे। इससे होम लोन और बिजनेस लोन की ब्याज दरें घटेंगी और EMI में कमी आएगी।
- 50 लाख रुपये के 20 साल के लोन पर
- पुरानी ब्याज दर: 8.5% → EMI: ₹43,391
- नई ब्याज दर: 8.25% → EMI: ₹42,603
- मासिक बचत: ₹788
- सालाना बचत: ₹9,456
- 5 लाख रुपये के कार लोन पर
- पुरानी EMI: ₹11,282
- नई EMI: ₹11,149
- मासिक बचत: ₹133
- सालाना बचत: ₹1,596
आरबीआई पॉलिसी के 10 बड़े पॉइंट्स
1. भारतीय अर्थव्यवस्था ‘गोल्डीलॉक्स’ मोड में
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि वर्ष की पहली छमाही में 8% जीडीपी वृद्धि और नियंत्रित महंगाई भारत को एक आदर्श आर्थिक स्थिति में खड़ा करते हैं। यह भविष्य के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।
2. जीडीपी ग्रोथ अनुमान बढ़ा
आरबीआई ने FY26 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में तेजी इसके पीछे प्रमुख कारण बताए गए हैं।
3. महंगाई दर में बड़ी गिरावट
महंगाई के मोर्चे पर राहत देते हुए आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की महंगाई का अनुमान 2.6% से घटाकर 2% कर दिया है।
इसका मतलब—आने वाले महीनों में कीमतें और स्थिर रह सकती हैं।
4. पॉलिसी स्टांस ‘न्यूट्रल’
एमपीसी ने एकमत से पॉलिसी रुख ‘न्यूट्रल’ रखा है।
यानि—अब आरबीआई न केवल महंगाई नियंत्रित करने, बल्कि ग्रोथ को सपोर्ट करने पर भी बराबर ध्यान देगा।
5. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में सुधार
उत्पादन और सेवा क्षेत्र दोनों ही मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं।
ये सेक्टर—रोजगार और अर्थव्यवस्था—दोनों की रीढ़ माने जाते हैं।
6. तीसरी तिमाही में भी बनी रहेगी तेजी
हाई फ्रीक्वेंसी डेटा (बिजली खपत, गाड़ियों की बिक्री आदि) के आधार पर आरबीआई का मानना है कि अक्टूबर–दिसंबर तिमाही में भी ग्रोथ की गति बनी रहेगी।
7. फॉरेक्स रिजर्व ऐतिहासिक स्तर पर
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 686 अरब डॉलर हो गया है।
यह देश के 11 महीने के आयात बिल को आराम से कवर कर सकता है, जिससे रुपये को और स्थिरता मिलती है।
8. बैंकिंग सेक्टर मजबूत, ग्राहक पहले
गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैंक मजबूत और लाभ में हैं। साथ ही स्पष्ट संदेश दिया—
“ग्राहक को अपनी नीतियों के केंद्र में रखें।”
9. बाजार में नकदी की कमी नहीं होने दी जाएगी
त्योहारी और बढ़ती क्रेडिट मांग को देखते हुए आरबीआई ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराई जाएगी। इससे कर्ज वितरण और कारोबारी गतिविधियों में कोई बाधा नहीं आएगी।
निष्कर्ष: भारत एक ‘स्वीट स्पॉट’ में
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आरबीआई की यह पॉलिसी बताती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर, मजबूत और भविष्य के लिए तैयार है—एक ऐसे ‘स्वीट स्पॉट’ में, जहां विकास और मुद्रास्फीति दोनों संतुलित हैं।