Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व

Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व

Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व

Bhojli Festival 2022 : हमारे छत्तीसगढ़ में अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमे से एक है भोजली त्योहार ।जिसे अगस्त के महीने में मनाया जाता है। इस त्योहार मे सभी वर्ग की महिलाएं, बुज़ुर्ग और बच्चे शामिल होते हैं। इस त्योहार पर छत्तीसगढ़ के फेमस भोजली लोक गीत गाए जाते हैं।

Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व
Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व

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छत्तीसगढ़ के कई जगहों में भोजली त्योहार मनाया जाता है लेकिन इस त्योहार मे मनाने का तरीका सब जगह भिन्न भिन्न प्रकार से है

भोजली क्या है

भोजली असल में गेहूं से निकला हुआ पौधा होता है। पूरे छत्तीसगढ़ मे भोजली को देवी के रूप मानते हैं। भोजली त्योहार में इस पौधे की पूजा अच्छे सेहत और स्वास्थ के लिए की जाती है।

Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व
Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व

ऐसे शुरू होता है भोजली पर्व

भोजली त्योहार को सभी लोग बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं। भोजली बोने के लिए सबसे पहले कुम्हार के घर से खाद-मिट्टी लाई जाती है। खाद-मिट्टी कुम्हार द्वारा पकाए जाने वाले मटके और दीए से बचे “राख” को कहा जाता है। भोजली पर्व का यह नियम है कि खाद-मिट्टी कुम्हार के घर से ही लाया जाए।

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इसके बाद महतो के घर से चुरकी और टुकनी (टोकरी) लाई जाती है। महतो गाँव या समाज के सबसे वृद्ध और सम्मानित व्यक्ति होते हैं। इसके बाद राजा के घर से गेहूं लाया जाता है। राजा बैगा को कहते हैं, जो गोंड़ समुदाय से होते हैं।

इस पर्व पर वे देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। गेहूं को सुबह पानी में भिंगोया जाता है फिर शाम को गेहूं निकालकर चुरकी और टुकनी में डाला जाता है। गेहूं वाले इस टोकरी में फिर खाद को डाला जाता है। पांच दिनों में ही गेहूं से पौधे (भोजली) निकलकर बड़े हो जाते हैं।

बैगा नौ दिनों तक भोजली के रूप में देवी-देवताओं की पूजा और प्रार्थना करते हैं। लोग मानते हैं कि भोजली के नौ दिनों तक पूजा करने से देवी-देवताएं गाँव की रक्षा करेंगे।

नौ दिन तक गाँव में रहता है उल्लास

नौ दिनों के भजन-कीर्तन में लोक गीत गाए जाते हैं। इन्हें भोजली गीत कहते हैं और ये कुछ इस तरह से होते हैं,

विसर्जन के दिन पूरा गाँव भोजली गीत गाते हुए, अपने-अपने भोजली को पकड़कर नाचते हुए घूमते हैं। विसर्जन के लिए एक साथ नदी जाते हैं। पूरा गाँव नदी पर गाँव की रक्षा के लिए प्रार्थना करता है।

नारियल फोड़कर भोजली को नदी में विसर्जन कर देते हैं। इसके बाद सभों को प्रसाद दिया जाता है फिर सभी लोग अपने-अपने घर लौट जाते हैं।

भोजली त्योहार छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की मुख्य त्यौहार है। इसमें कुम्हार से लेकर बैगा, तक सबकी भागीदारी विसेश रु से रहती है , नए और स्वछ जीवन के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है

Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व
Bhojli Festival 2022 : छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला भोजली पर्व

भोजली लोक गीत लोगों में नया उत्साह भर देता है। अलग जगहों पर इसे अलग रस्मों से मनाया जाता है, जो आदिवासियों की विभिन्नता को दर्शाता है।

लेखिका के बारे में- वर्षा पपुलस्त छत्तीसगढ़ में रहती है। पेड़-पौधों की जानकारी रखने के साथ-साथ वह उनके बारे में सीखना भी पसंद करती हैं। उन्हें पढ़ाई करने में मज़ा आता है।

 

 

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