Narayanpur Chhattisgarh : अबूझमाड़ का युवा व्यापारी बाइक राइडिंग कर पहुंचा लेह लद्दाख , वापसी पर हुआ भव्य स्वागत
अबूझमाड़ की बदलती छवि की छाप छोड़ना था उद्देश्य
माड़ मैराथन के आयोजन की बाते देश के कोने कोने तक
Narayanpur Chhattisgarh : नारायणपुर – नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले का युवा व्यापारी बाइक राइडिंग करते हुए भारत के अंतिम गांव तुर्तुक , पेंगोलिंग पहुंच अबूझमाड़ का परचम लहराया । आजादी का अमृत महोत्सव देश के बार्डर पर मनाकर अबूझमाड़ का नाम रौशन करके उनकी वापसी पर आज भव्य स्वागत जिलेवासियों द्वारा किया गया ।
नारायणपुर जिले के तेलसी मोड़ पर पहुंचते ही युवा व्यापारी के मित्र , वरिष्ठ नागरिक , परिजन स्वागत करने पहुंचे पारंपरिक तरीके से तिलक लगाकर साल श्री फल देकर और भारत माता के जयकारे लगाते हुए स्वागत किया गया ।
जिसके बाद स्वागत का सिलसिला शुरू हुआ डीजे में देश भक्ति की धुन के साथ बाइक के साथ काफिला उन्हे नगर की ओर लेकर चला । जगह जगह पर भारत माता के जयकारे के नारों से पूरा नारायणपुर गूंज उठा ।
जिसके बाद जय स्तंभ चौक में केक काटकर उनका स्वागत युवाओं ने किया जय स्तंभ पर भारत माता के जय कारो ने आजादी के अमृत महोत्सव मनाने की शुरुवात का पल अदभुत रहा ।
जय स्तंभ चौक से जैन समाज के युवाओं ने राकेश जैन की बाइक के साथ बाइक का काफिला बनाकर उनके घर पहुंचे जहा पर राकेश जैन के पिता , माता , पत्नी , बहन , पुत्र पुत्री सहित परिवार के सभी सदस्यों ने जैन समाज के रीति रिवाज के साथ स्वागत किया ।
वही स्थानीय लोगो का कहना है कि युवा व्यापारी राकेश जैन ने बाइक राइडिंग करते हुए लेह लद्दाख तक जाकर बदलते अबूझमाड़ का नाम रौशन किया है जो काबिले तारीफ है ।
वही पार्षद जय प्रकाश शर्मा ने कहा कि मेरे वार्ड के राकेश जैन ने देश के अंतिम छोर तक अबूझमाड़ नारायणपुर का परचम फहराकर लोगो में अबूझमाड़ की बदलती छवि को पेश किया है जिसके लिए हम सभी उनके आभारी है ।
राकेश जैन का कहना है कि देश दुनिया में जो नक्सल गतिविधियों वाली छवि अबूझमाड़ की बनी हुई है उसे बदलना उनका उद्देश्य था इसलिए बाइक राइडिंग करते हुये भारत के अंतिम गांव तुर्तुक , पेंगोलिंग तक जाकर बदलते अबूझमाड़ की बाते बताकर लोगो को अबूझमाड़ घूमने आने का लोगो से आह्वान किया ।
लोग अबूझमाड़ को माड़ मैराथन के नाम से जाने व पहचाने लगे जो जानकर बहुत सुखद अनुभव लगा । नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ को नक्सल गतिविधियों के नाम से जाना व पहचाना जाता है

लेकिन पिछले कुछ समय से अबूझमाड़ की छवि बदल रही है जिससे देश दुनिया को रूबरू कराने की मन में ठानकर युवा व्यवपारी राकेश जैन ने बाइक राइडिंग करते हुए भारत के चीन और पाकिस्तान बार्डर तक जाने की ठानी और 23 जुलाई को भिलाई के सुनील शर्मा के साथ नारायणपुर से निकल पड़े ।

कारगिल , लेह लद्दाख , तुर्तुक , पेंगोलिंग पहुंचकर छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ की बाते की तो वहां के लोगो ने माड़ मैराथन की बाते बताई जिसे सुनकर काफी सुखद अनुभव लगा की अब लोगो में अबूझमाड़ की बदलती छवि की छाप को अनुभव करने लगे है ।
वही वापस अपने नारायणपुर अबूझमाड़ पहुंचने पर जो प्यार मुझे अपने लोगो ने दिया वो पल भावुक करने वाला पल था जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा ।
छत्तीसगढ़ से लेह लद्दाख का सफर
छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र से , एमपी से दिल्ली से , यूपी से पंजाब से हरियाणा से जम्मू और कश्मीर से लेह लद्दाख से 3000 किमी लेह में 700 किमी अलग से घूमे लुब्रा वैली और पैंगोंग झील, खारदुंग भारत का आखरी गांव तुर्तुक पाकिस्तान सीमा के पास,
भारतीय सेना को पास से देखने का सौभाग्य मिला
बार्डर पर भारतीय सेना से मिलकर बस्तर के राकेश जैन भावुक हो गए हमारे जवान विषम परिस्थितियों के बावजूद देश की रक्षा के लिए बार्डर पर तैनात रहते है । उनसे मिलकर एक अलग ही अनुभव मिला जिसे बया नही किया जा सकता ।