मामले में चार और फरार
रमेश गुप्ता
भिलाई। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एमके खंडूजा को छावनी पुलिस ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता से गिरफ्तार कर भिलाई लाई है । डॉ खंडूजा लंबे समय से फरार चल रहे थे। इस पूरे ऑपरेशन को दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर पूरा किया गया। इस मामले से जुड़े 4 फरार बताए जाते हैं। छावनी में अपराध क्रमांक 119/2022 धारा 420, 406, 34 भा.द.वि. के कार्यवाही की गई है।
छावनी थाना प्रभारी चेतन सिंह ने बताया कि डॉ. एमके खंडूजा बीएसआर अपोलो हॉस्पिटल स्मृति नगर के पूर्व संचालक बीएसआर स्कैन सेंटर भिलाई- दुर्ग- नागपुर के डायरेक्टर थे। वो नेहरू नगर पूर्व में रहते थे। डॉ खंडूजा पर बीएसपी के पूर्व कर्मचारियों व शहर के बड़े ग्रूप्स व इंजीनियरिंग कॉलेज संस्थान से करोड़ों रुपए लेकर धोखाधड़ी किए जाने का आरोप है। अंत में अपोलो बीएसआर को बेचकर करोड़ों की राशि गबन की और फरार हो गया। स्मृति नगर चौकी में डॉ खंडूजा के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक छावनी हरीश पाटिल ने बताया कि डॉ. मनमोहन खण्डुजा के द्वारा सोनल रूंगटा पिता संतोष रूंगटा 42 साल निवासी गंजपारा दुर्ग के साथ 50000 वर्गफीट कुल रकबा 3.50 एकड जो जुनवानी रोड स्मृति नगर भिलाई मे स्थित है। उ्त अपोलो हास्पिटल जुनवानी का सौदा 960000000/- रूपये छियानवे करोड मे तय किया गया था । प्रार्थी सोनल रूंगटा से 19 करोड 14 लाख रूपये बयाना लिया गया था । डाँ मनमोहन खण्डुजा के द्वारा उक्त जमीन को विपीन कुमार अग्रवाल को बेच दिया गया । डाँ मनमोहन खण्डुजा के द्वारा प्रार्थी सोनल रूंगटा से 19 करोड़ 14 लाख रूपये का धोखाधडी करने का अपराध सबूत पाये जाने आरोपी डाँ. खण्डुजा को गिरफ्तार किया गया है जिसे न्यायालय दुर्ग मे न्यायिक रिमाण्ड हेतु पेश किया गया है ।
ईलाज कराने के नाम पहुंची पुलिस टीम
छावनी पुलिस के द्वारा थाना भवानीपुर पश्चिम बंगाल से सम्पर्क किया गया थाना भवानीपुर से सहयोग प्राप्त कर 19 अक्टूबर को उसके लैब मे पुलिस टीम ईलाज कराने के नाम पर डॉ. मनमोहन खण्डुजा के लैब मे जाकर डाँ मनमोहन खण्डुजा को हिरासत में लिया गया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय सेक्टर-9 अस्पताल से शुरु किया था कॅरियर
बता दें डॉ एमके खंडूजा शहर के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने बीएसपी कर्मचारियों के बीच अपनी अच्छी पकड़ बनाई। बीएसपी की नौकरी छोड़कर पावर हाउस भिलाई में एक क्लीनिक शुरू किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने बीएसपी के रिटायर्ड अफसरों व कर्मचारियों को झांसे में लिया और अपोलो बीएसआर अस्पताल में इन्वेस्ट कराया। इसके एवज में 3 से 5 फीसदी ब्याज देने का आश्वासन दिया। इस तरह डॉ खंडूजा ने भिलाई स्केन एंड रिसर्च सेंटर के नाम से भिलाई, रायपुर, नागपुर में अपने ब्रांच शुरू किए। इसके साथ ही स्मृति नगर में अपोला बीएसआर हॉस्पिटल भी खोला। लोगों का और बैंकों का करोड़ो रुपए लेकर और आपोलो बीएसआर को हाईटेक प्रबंधन को बेचकर फरार हो गया।
चार लोग की टीम
गिरफ्तारकरने गई टीम में उपनिरीक्षक वरूण देवता, महिला प्रधान आरक्षक हेमलता मरकाम, प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह को रखा गया था ।
कोलकाता में चल रहा था डायग्नोस्टिक सेंटर
धोखाधड़ी के मामलों में पुलिस को डॉ खंडूजा की लंबे समय से तलाश थी। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि डॉ खंडूजा कोलकाता रह रहा है। इसके बाद एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर एक स्पेशल टीम बनाई गई। एक टीम को कोलकाता भेजा गया। पुलिस टीम ने कोलकाता में डॉ. खंडूजा को लोकेशन के आधार पर गिरफ्तार किया। पुलिस की टीम डॉ खंडूजा को लेकर भिलाई पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि डॉ खंडूजा हार्ट पेसेंट हैं और उनकी स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।