Bhatra society is historical: भतरा समाज की सांस्कृतिक विरासत ऐतिहासिक है-सांसद  महेश कश्यप

जगदलपुर : बस्तर सांसद  महेश कश्यप ने  हॉटगुड़ा, जगदलपुर में भतरा समाज विकास परिषद भवन का लोकार्पण किया. उन्होंने  पौधा रोपित कर पर्यावरण-संरक्षण का संदेश दिया और भतरा समाज के रीति-नीति, परंपराओं एवं सामाजिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर समाजजनों से संवाद किया। साथ ही नव निर्मित सामाजिक भवन के सामने 200 मीटर सीसी सड़क का भूमि पूजन भी किया.

 

अपने उद् बोधन में श्री कश्यप ने भतरा समाज की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक गरिमा एवं बस्तर के सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने में इसकी विशेष भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा भतरा समाज न केवल बस्तर की संस्कृति का अभिन्न अंग है, बल्कि यह समाज अपनी परंपराओं, नैतिक मूल्यों और मेहनतकश जीवनशैली के लिए भी पहचाना जाता है। समाज का यह नया भवन सामूहिक सशक्तिकरण और सामाजिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह भवन सामाजिक एकता, संवाद और दिशा निर्धारण का केन्द्र बनेगा।

 

उन्होंने यह भी कहा कि बस्तर के सर्वांगीण विकास में समाज की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है, और भतरा समाज ने सदैव शांति, एकता एवं विकास के पथ पर अग्रसर होकर प्रेरणा दी है। उन्होंने युवाओं को भी अपने उद्बोधन में प्रेरित करते हुए कहा कि संस्कृति से जुड़कर, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की राह पर चलकर समाज को नई ऊंचाइयों पर ले जाना समय की मांग है।

भतरा समाज के विस्तार एवं बस्तर रियासत से संबंध के बारे में श्री कश्यप ने बताया कि भतरा समाज का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संबंध बस्तर रियासत से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि जब बस्तर रियासत के राजा पुरी (ओडिशा) की यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने भतरा समाज के कुछ सदस्यों को भी अपने साथ ले जाया। यात्रा के पश्चात लौटते समय कुछ भतरा परिवार ओडिशा के कालाहांडी क्षेत्र और उसके आसपास के स्थानों पर ही रुक गए और वहीं बस गए। यही समुदाय आज उड़ीसा (वर्तमान ओडिशा राज्य) में फैले हुए भतरा समाज का आधार बना।

जनेऊ परंपरा का आरंभ को लेकर श्री कश्यप ने कहा भतरा समाज में जनेऊ धारण की परंपरा भी राजा द्वारा ही प्रारंभ की गई थी। ऐसा माना जाता है कि ओडिशा में निवास स्थापित करने के समय बस्तर रियासत के राजा ने समाज को जनेऊ उपहार स्वरूप प्रदान किया। उसी समय से यह पवित्र धागा पहनने की परंपरा समाज में चली आ रही है, जो आज भी सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक संस्कार के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

नाइक-पाइक परंपरा को बताते हुए श्री कश्यप ने कहा भतरा समाज की एक अन्य महत्वपूर्ण और अद्भुत परंपरा नाइक-पाइक की है। यह परंपरा समाज की आध्यात्मिक और स्वास्थ्य-सम्बंधी मान्यताओं से जुड़ी हुई है। यदि किसी व्यक्ति को अचानक कोई पीड़ा, बीमारी या घर-वापसी दोष जैसी समस्या होती है, तो नाइक-पाइक द्वारा विशेष विधि से पानी छिड़क कर और हाथ दोष अथवा कर्म दोष को दूर किया जाता है। समाज में यह विश्वास है कि इस प्रक्रिया से व्यक्ति पर से दोष समाप्त हो जाते हैं और वह पुनः स्वस्थ एवं सामान्य जीवन जीने लगता है।

भतरा समाज की ऐतिहासिक यात्रा, जनेऊ धारण की परंपरा, और नाइक-पाइक की आध्यात्मिक विधियाँ इस समाज की सांस्कृतिक समृद्धि का परिचायक हैं। ये परंपराएँ आज भी समाज को उसकी जड़ों से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

 

इस लोकार्पण समारोह में भतरा समाज के जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, परगना नाइक-पाइकगण, क्षेत्रीय विधायक, प्रदेश अध्यक्ष श्री किरण सिंह देव, समाज के वरिष्ठजन, माताएं-बहनें एवं बड़ी संख्या में सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में सांसद महोदय ने आश्वस्त किया कि वे समाज के शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए हर संभव सहयोग देने को प्रतिबद्ध हैं।