राजकुमार मल
भाटापारा। सीजन+ नई फसल में पखवाड़े भर का विलंब=लहसुन 280 से 310 रुपए किलो। भंडारण खत्म हो रहा +कमजोर आपूर्ति= प्याज 58 से 60 रुपए किलो। नई फसल की आवक शुरू, आलू 26 से 36 रुपए किलो।
कम से कम 20 दिन ऐसी ही तूफानी तेजी के बीच लहसुन की खरीदी करनी होगी उपभोक्ताओं को क्योंकि नई फसल पखवाड़े भर के बाद ही आने की संभावना है। लहसुन को साथ मिल रहा है, उस प्याज का जिसने खुदरा बाजार में रिकॉर्ड ऊंचाई अपने नाम कर ली है। आंशिक राहत वह आलू दे रहा है जिसे महंगी सब्जियों का हमेशा से विकल्प माना जाता है। क्रय शक्ति के भीतर माना जा रहा आलू इस समय सर्वाधिक मांग में है।
360 से 400 रुपए किलो
होलसेल मार्केट में लहसुन बोल्ड 280 से 310 रुपए किलो और लहसुन लाडवा 250 से 280 रुपए किलो भले ही बोली जा रही है लेकिन खुदरा दुकानों में लहसुन की उपलब्धता 360 से 400 रुपए किलो की दर पर हो रही है। ऐन सीजन की शुरुआत में आई यह तेजी इसलिए लंबी अवधि तक बनी रह सकती है क्योंकि उत्पादक क्षेत्र से नई फसल में पखवाड़े भर का अतिरिक्त समय लगने की खबर आ रही है।
सप्लाई शार्ट
प्याज 58 से 60 रुपए किलो। थोक बाजार की यह दर चिल्हर बाजार पहुंचते तक 75 से 80 रुपए किलो हो जा रही है। तेजी की अवधि लंबी हो सकती है क्योंकि भंडार गृहों में प्याज का भंडार लगभग अंतिम चरण में है। इसकी वजह से आपूर्ति का प्रवाह धीमा होने लगा है। फलस्वरुप नई आवक तक उपभोक्ताओं को प्याज की भी खरीदी ऊंची कीमत में करनी होगी।
राहत दे रहा आलू
हरी सब्जियों की आसमान छूती कीमत के बीच होलसेल में आलू पहाड़ी 34 रुपए किलो और आलू गोल 26 रुपए किलो जैसी राहत देने वाली कीमत पर शांत है। चिल्हर बाजार में पहाड़ी आलू 40 रुपए और आलू गोल 30 रुपए जैसी राहत देने वाली कीमत पर स्थिर है। मंदी की हल्की धारणा के बीच उठाव बेहतर है और उपभोक्ता मांग में बना हुआ है।