Bhatapara news-औंधे मुंह गिरा ओल्ड बैग…!

मरम्मत और भंडारण की गति हुई धीमी

राजकुमार मल
भाटापारा। अंतरप्रांतीय और अंतरजिला ही नहीं, स्थानीय मांग भी नहीं है पुराने बारदानों में। इसलिए ओल्ड जूट बैग 12 से 18 रुपए प्रति नग पर ठहरा हुआ है। ऐसी ही स्थिति ओल्ड प्लास्टिक बैग की भी है जिसमें 5 , 7 और 8 रुपए जैसी निम्नतम कीमत बोली जा रही है।

फरवरी मध्य से गिरता भूजल स्तर अब सूखने की कगार पर है। ऐसे में रबी फसल संकट के घेरे में आ चुकी है। इसलिए ओल्ड जूट बैग मार्केट ने संभावित कमजोर मांग को देखते हुए रबी की तैयारी पर ब्रेक लगा दिया है। डिमांड इतनी कमजोर है कि ओल्ड जूट बैग में कीमत लगातार गोते लगा रही है।

भंडारण और मरम्मत धीमा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमानों पर अब यह कारोबार भी नजर रखने लगा है। सटीक विश्लेषणों को देखते हुए ओल्ड जूट बैग मार्केट ने रबी फसल की तैयारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। मरम्मत का काम लगभग बंद जैसा है, तो भंडारण किये जाने जैसी गतिविधियां अब आगत खरीफ को लेकर चलाए जाने की योजना पर विचार है लेकिन इसमें भी खरीफ के लिए जारी होने वाले पूर्वानुमान अहम भूमिका निभाएंगे।
डिमांड पर ब्रेक
पुराने बारदानों की बिक्री के लिए शहर का नाम उत्तर प्रदेश और बिहार में भी लिया जाता है। आलू, प्याज और धान की फसल के लिए शहर से ओल्ड जूट बैग की बड़ी मात्रा में खरीदी करने वाले यह दोनों राज्य फिलहाल डिमांड नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा लोकल और अंतरजिला डिमांड ओल्ड जूट बैग एवं प्लास्टिक बैग में जरा भी नहीं है। यह स्थिति भी इस बाजार के लिए नुकसान की वजह बनी हुई है।
और गिरेंगी कीमतें
सहारा देती थी रबी फसलों के लिए ओल्ड जूट की मांग लेकिन इस बार यह दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। इसलिए फिलहाल ओल्ड जूट बैग 15 से 20 रुपए प्रति नग और ओल्ड प्लास्टिक बैग 5, 7 और 8 रुपए प्रति नग जैसी निम्न कीमत पर बोली जा रही है। इसके बाद भी खरीदी नहीं है। इसलिए और टूट की आशंका से इनकार नहीं कर रहा है ओल्ड बैग मार्केट।

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