Bharat Bandh Saraipali : व्यापारी व नगरवासियों ने साथ नही दिया
असफलता के पीछे अनेक कारण
व्यापारी संघो की उदासिनता भी सामने आई
Bharat Bandh Saraipali : सरायपाली ! सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए निर्णय के खिलाफ आज देशभर में एसटी व एस सी संगठनों द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया था । यह आयोजन सरायपाली में आयोजको की निष्क्रियता के चलते व विभिन्न कारणों से पूर्ण रूप से असफल साबित हुआ । सभी छोटी बड़ी दुकाने प्रतिदिन की भांति खुली ।आज के बन्द को लेकर आयोजको व व्यापारी संघो की निष्क्रियता व गैरजिम्मेदाराना रवैय्या भी सामने आ गया । कुछ व्यापारियों द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित दिखे व संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ नाराजगी भी व्यक्त की ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ लाभान्वित होने वाले संबंधित संघ संगठनों द्वारा आज देशभर में भारत बन्द का आयोजन किया गया था । यह बन्द का आयोजन सरायपाली में पूरी तरह से असफल रहा । बन्द असफल होने के अनेक कारण सामने आए हैं । भारत व सरायपाली बन्द की सूचना छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स के साथ ही स्थानीय व्यापारी संघो ने गंभीरता से नही लिया । इस संबंध में छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल को बन्द के संबंध में प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर संघ निर्णय लेता है । कोई भी व्यापारी संघ की बैठक आयोजित किये जाने पर गिनती के 2-4 व्यापारी ही बैठक में आते हैं । उस संबंध में सरायपाली व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष सुशील जैन शहर से बाहर होने के कारण संपर्क नही हो पाने की वजह से उनका पक्ष नही लिया जा सका । चेम्बर आफ कामर्स के सरायपाली / नगर अध्यक्ष अवधेश अग्रवाल से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत बन्द की जानकारी मुझे कल रात ही मिली । हमसे कोई भी स्थानीय व्यापारी संगठन समर्थन मांगने नही आया तो हम क्या कर सकते हैं । अभी हम न भारत बन्द के समर्थन में हैं ना ही विरोध में ।
इस संबंध में कुछेक व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि व्यापारी संघ के पदाधिकारी गण सिर्फ अपना स्वार्थ देखते हैं । कभी भी पदाधिकारियों का निर्वाचन नही किया जाता । आखिर कब तक मनोनीत से काम चलेगा । वही पुराने लोग अपने समर्थकों का साथ लेकर व दबाव बनाकर पद हासिल कर लेते हैं । व्यापारियों के हित व सुरक्षा से उन्हें कोई लेना देना नही होता । 21 अगस्त को भारत बन्द के विषय मे न संघ व संगठनों ने बैठक आयोजित की और न ही इस पर कोई विचार किया ।
आज व्यापारी लोग खतरा मोल लेकर अपनी अपनी दुकानें खोले हैं । दुकानों को बन्द करना है या खुला रखना है इस संबंध में कोई भी सूचना किसी भी व्यापारी संघो द्वारा व्यापारियों को नही दी गई है । व्यापरियों ने कहा कि इसी तरह का बन्द कुछेक वर्षो पूर्व हुआ था उस समय जिस तरह से आयोजको द्वारा दुकानदारों , व्यापारियों व छोटे छोटे ठेलों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था वह आज भी याद कर व्यवसायी लोग सहम जाते हैं ।
उनका कहना था कि हमने असमंजस व खतरा मोल लेकर दुकाने तो खोल ली थी किंतु यदि कोई अप्रत्याशित घटना व्यापारियों व व्यवसासियों के साथ हो जाती तो व्यापारी संघ क्या करता ? संघ द्वारा स्पस्ट स्थिति नही बताए जाने के कारण व्यापारी वर्ग उहापोह की स्थिति में था ।पिछले बार के आंदोलन में काफी संख्या में लोगों ने आयोजको के साथ भाग लिया था । अधिकांश लोग लाठी डंडे से लैस थे । आज के बन्द में उस तरह की कोई बात सामने नही आई ।
सुबह लगभग 8 बजे मोटरसाइकिल में कुछ बन्द समर्थक घुमघुमकर बन्द की अपील कर जरूर रहे थे । पर उनके साथ कोई अधिक समर्थक दिखाई नही दिए । बन्द के आयोजनकर्ताओं द्वारा बन्द की सूचना विधिवत एक दो दिन पूर्व संबंधित व्यापारी संघो को समर्थन के लिए दी जानी थी वह नही दी गई और ना ही अनाउंसमेंट कराया गया । व्हाट्सएप में भारत बन्द का मैसेज वायरल हो रहा था संभवत इसी को आधार बनाकर नगर बन्द हो जाएगा सोचकर आयोजनकर्ताओं द्वारा कोई विशेष रुचि बन्द करने नही ली गई ।जब तक ये लोग बन्द कराने निकले थे तब तक अधिकांश दुकाने खुल चुकी थी । बन्द के अपील का सकारात्मक प्रभाव न होते देख संभवतः आयोजनकर्ताओं द्वारा फिर दोबारा बन्द कराने नही निकले ।
विगत 18 जुलाई को भी टोलनाका फ्री करने जे लिए आयोजनकर्ताओं द्वारा ठीक इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई गई थी । व्हाट्सएप के माध्यम से की गई बन्द की अपील को नगर के व्यापारी व व्यवसायियों ने बुरी तरह से नकार दिया था । और यह संदेश दिया था कि बन्द के समर्थन का यह तरीका सही नही है ।
आज बन्द सफल नही होने के पीछे एक कारण यह भी था कि माह के प्रत्येक गुरुवार को नगर के अनेक व्यवसायिक प्रतिष्ठानें बन्द रहती है । नगर का यह इतिहास रहा है कि किसी भी मामले में गुरुवार के एक दिन पूर्व बुधवार या एक दिन बाद शुक्रवार को आयोजित होने वाले बन्द को सफलता नही मिलती क्योकि लगातार 2 दिन दुकाने बन्द हो जाने के पक्ष में व्यापारी नही होते ।
Brutal rape of a female doctor : कोलकाता महिला मर्डर प्रकरण के खिलाफ महिलाओं ने निकाला केंडल मार्च
Bharat Bandh Saraipali : इससे काफी नुकसान हो जाता है । इसी को ध्यान में रखते हुवे स्थानीय राजनैतिक पार्टियाँ या अन्य लोग गुरुवार को ही नगर बन्द के आयोजनों को प्राथमिकता देते हैं । क्योंकि बन्द के आयोजकों को गुरुवार के दिन बन्द करने अधिक मेहनत करनी नही पड़ती । अधिकांश दुकाने वैसे भी साप्ताहिक बन्द के कारण अधिकांश दुकाने बन्द रहने से इन्हें बन्द को सफल दिखाने व प्रचारित करने में आसानी व सुविधा हो जाती है ।