Bhanupratappur : मुगलों एवं अंग्रेजो के अत्याचार की क्रूरतम काल : दुनिया के कई देश मिट गए, अपनी पहचान खो दिए वहीं भारत अपने मूल स्वरूप में आज भी जीवित है

Bhanupratappur :

Bhanupratappur :  विख्यात लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी के जन्म के 300वे वर्ष…..

Bhanupratappur :  भानुप्रतापपुर – अपनी सेवा,सत्यनिष्ठा एवं न्याय प्रियता के लिए विख्यात लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी के जन्म के 300वे वर्ष के अवसर पर उनके जीवन चरित्र को जन जन तक लेकर जाने के लिए गठित कांकेर, भानुप्रतापपुर, नारायणपुर जिलों के आयोजन समितियो की विभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन सद्भाव सभाकक्ष भानुप्रतापपुर में हुआ।

*कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रांत आयोजन समिति के प्रमुख टोपलाल वर्मा जी ने बताया की 1300 वर्षों के मुगलों एवं अंग्रेजो के अत्याचार की क्रूरतम काल में भी भारत भारत बना रहा, आक्रमणों के जिस दौर में दुनिया के कई देश मिट गए अपनी पहचान खो गए वहीं भारत अपने मूल स्वरूप में आज भी जीवित है तो उसका कारण है यहां की सनातन – धर्म संस्कृति,और भारत के इस प्राण तत्व को बचाए रखने में अनेक महापुरुषों ,वीर वीरांगनाओं ने अपनी जीवन की आहुति दी !

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उसी में से एक पुण्य जीवन है लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी का जो एक साधारण चरवाहे परिवार मे जन्म लेने से लेकर इंदौर राजघराने की रानी बनाने के बाद भी सादगी,प्रजा के प्रति वात्सल्य पूर्ण प्रेम,समाज की प्रति अनन्य सेवा का भाव,न्याय प्रियता का बेमिसाल उदाहरण, धर्मनिष्ठ ,मर्यादित जीवन जो आज भी प्रेरणा देता है,जीवन में अनेक प्रतिकूलताओं का सामना करने और एक छोटे से राजघराने की शासन होने के बाद भी देशभर में अनेक मंदिरों का निर्माण , औरंगज़ेब एवं मुगलो द्वारा विध्वंस किए गए !

 

अनेक छोटे बड़े मंदिरों का पुनरोद्धार, लोगो के भोजन हेतु विशाल व अनवरत चलने वाले भंडारे ,प्रजा के स्वावलंबन हेतु उद्योग, कुटीर उद्योग,स्थान स्थान पर वृक्षारोपण,अनेक कुएं खुदवाना ,एवं मार्गों का निर्माण जैसे अनगिनत सेवा के कार्य उन्होंने करवाए ,विधवा विवाह प्रारंभ, सती प्रथा जैसे कुर्तियां को समाप्त करने प्रारंभ, जैसे अनगिनत प्रेरणा देने वाले कार्य किए जिन्हे आज समाज में लोगो को बता कर प्रेरित करने की आवश्यकता है इस लिए अहिल्याबाई होल्कर जी के त्रिशताब्दी वर्ष समारोह की योजना बनी है, जिसमें विद्यालय महाविद्यालय से लेकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में इस विषय पर केंद्रित छोटे-बड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन वर्ष भर चलेगा।

 

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Bhanupratappur :  इस कार्यशाला मे समितियों के संरक्षक कांशी प्रसाद तिवारी, कोमल सिंह ठाकुर समेत गणमान्य नागरिक,विभिन्न समाजके पदाधिकारियों समेत बड़ी संख्या मे मातृशक्ति उपस्थित रही जिसमे स्थानीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों को करने की योजना बनी।

यह आयोजन समिति पुण्य श्लोका प्रातः स्मरणीय अहिल्या बाई होलकर जी की कार्यक्रमों की योजना कर आयोजन करवाएंगे।

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