भागवत कथा श्रवण से मोक्ष की प्राप्ति होती है: सांसद जांगड़े

सांसद कमलेश जांगड़े एवं विद्या सिद्धार्थ ने कहा भागवत कथा हमें श्रवण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और भविष्य और अपने परमार्थ को सुधारने में राह दिखाती है गौतम परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया गया है , जहां प्रतिदिन सैकड़ो श्रद्धालुओं की भीड़ कथा श्रवण हेतु उमड़ रही है , नगर में आध्यात्मिक एवं आस्था भाव के साथ राधे नाम की गूंज भी हो रही है l


कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कथा वाचक राजेंद्र जी महाराज ने देवहूति कपिल प्रसंग का व्याख्यान करते हुए आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने बताया कि , सत्संग भगवत प्राप्ति की पहली सीढ़ी है l सत्संग करने से ही मनुष्य का विवेक जागृत होता है , इसलिए विद्वानों और संत का एक छड़ अर्थात अल्प समय ही परम कल्याणकारी होता है l


देवहूति जो देव को भी अपने गर्भ में आवाहित कर सकती है , और कर्दम अर्थात जो अपने इंद्रियों को वश में करें ,, दैवी बुद्धि का सयोग जितेंद्रिय पुरुष से ही होता है l गृहस्थ जीवन संसार में डूबने के लिए नहीं बल्कि भवसागर से तारने के लिए होता है , इसलिए प्रत्येक गृहस्थ जीवन में पत्नी या पति केवल जीवन जीने के लिए सांग ना हो बल्कि इन दोनों में प्रतिदिन सत्संग हो l सत्संग से जीवन में आनंद आता है और हमारी भावी पीढ़ी भी संस्कृत होती है l


आचार्य द्वारा दक्ष यज्ञ वृतांत और प्रहलाद चरित्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया , उन्होंने श्रोताओं को बताया कि, आशा ही दुख का कारण बन जाता है , दक्ष की पुत्री सती के मन में बड़ी आशा थी कि मेरे मायके में मुझे बड़ा स्नेह और आदर मिलेगा किंतु यज्ञ स्थल में जाने पर उसकी आशा निराशा में बदल गई और यज्ञ कुंड में कूद कर उसे अपने प्राण त्यागना पड़ गया l भगवान शिव शंकर भक्त वत्सल हैं , उन्होंने दक्ष के द्वारा दिए गए श्राप को स्वीकार किया और विश्व की मंगल कामना के लिए दक्ष को पुनर्जीवित कर दिया को पूर्ण करने आशीर्वाद भी दिया l

भगवान अपने भक्तों का मान बढ़ाने के लिए सदैव कृपा ही करते हैं , प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान खंभे से अलौकिक रूप धारण कर नरसिंहनाथ के रूप में प्रकट हुए थे और सनातन धर्म के परम शत्रु हिरण्यकश्यप का वध भी किया l

आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने इस प्रसंग के माध्यम से आह्वान किया की चौथी मन्वंतर के इस कथा में केवल हिरण्यकश्यप सनातन धर्म का शत्रु था किंतु आज के परिवेश में सनातन धर्म को आघात पहुंचाने वाले अनेक हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप दिखाई देते हैं ,

इन सब से संघर्ष करने के लिए प्रत्येक सनातनी को हर पल तैयार रहने की जरूरत है , तभी हम सनातनी के अस्तित्व और वेद पुराणों के उपदेश को भविष्य तक बचा सकते हैं l
तीसरे दिन की कथा श्रवण करने सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े , भाजपा प्रदेश मंत्री श्रीमती विद्या सिदार , पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुषमा जयसवाल ,

राम अवतार अग्रवाल , हसत देवांगन , समारू देवांगन , एवं सैकड़ो स्त्रोत उपस्थित थे l पितृ मोक्षार्थ श्रीमद् गया भागवत के आयोजन श्रीमती अनीता राम नारायण गौतम द्वारा अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने की अपील की गई है l

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