भारतीय क्षेत्रीय सिनेमा, खासकर बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री के लिए 8 दिसंबर 2025 का दिन बेहद दुखद रहा। लगभग चार दशक तक अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले वरिष्ठ अभिनेता कल्याण चटर्जी का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। देर रात उनका निधन होने की खबर आते ही पूरे बंगाल, सिनेमा जगत और थिएटर समुदाय में शोक की लहर फैल गई।
400 से अधिक फिल्मों में भूल न सकने वाले किरदार
कल्याण चटर्जी उन दुर्लभ कलाकारों में रहे, जिन्होंने सह-भूमिकाओं में भी अपने प्रदर्शन से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
1968 की फिल्म ‘आपनजन’ से शुरू हुई उनकी सिनेमाई यात्रा हास्य, भावनात्मक और चरित्र भूमिकाओं के दम पर लगातार आगे बढ़ती रही।
सत्यजीत रे की फिल्म ‘प्रतिद्वंद्वी’ में उनका किरदार उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। इसके बाद धन्यी मेये, दुई पृथिबी, सबुज द्वीपर राजा, बैशे श्राबोन जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं आज भी दर्शकों की यादों में जीवित हैं।
हिन्दी सिनेमा और वेब दुनिया में भी छोड़ी छाप
बंगाली सिनेमा से आगे बढ़ते हुए कल्याण चटर्जी ने हिन्दी फिल्मों में भी अहम उपस्थिति दर्ज कराई।
सुजॉय घोष की सुपरहिट फिल्म ‘कहानी’ में उनका छोटा लेकिन प्रभावशाली किरदार दर्शकों को आज भी याद है।
उन्होंने टीवी, वेब सीरीज और थिएटर में भी लगातार सक्रिय रहते हुए अपने अभिनय की अलग पहचान बनाई। पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कल्याण चटर्जी का अभिनय हमेशा सहजता और गहराई का मेल रहा।
लंबी बीमारी के बाद दुनिया को कहा अलविदा
पिछले कई महीनों से वह उम्र से जुड़ी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे थे। टाइफॉइड और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं ने उनकी स्थिति को गंभीर बना दिया था। रविवार देर रात उन्होंने कोलकाता के अस्पताल में अंतिम सांस ली।
परिवार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार केवड़ातला श्मशान घाट में किया गया।