(Bastar Special) भूमिअधिग्रहण पीड़ित किसानों ने दिग्गज किसान नेता डॉ राजाराम से लगाईं न्याय दिलाने की गुहार

(Bastar Special)

(Bastar Special) पीड़ित किसानों का दल डॉक्टर त्रिपाठी से मिला,और दिया सैकड़ों किसानों का हस्ताक्षरित आवेदन पत्र

अजब-गजब : भूमि अधिग्रहण में कम भूमि वाले किसान को मिल रही है ज्यादा रकम, जबकि ज्यादा भूमि देने वाले किसान को मिल रहा है कम मुआवजा

पीड़ित किसानों के पास खेती के अलावा नहीं है आजीविका का कोई और साधन,सरकार मानवीय दृष्टिकोण से करे विचार 

 

(Bastar Special) कोंडागांव !  बाईपास एक बहुप्रतीक्षित अनिवार्य जरूरत है, यह जल्द से जल्द बननी ही चाहिए !
शहर में भारी वाहनों की तेज रफ्तार ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है ,आज भी सिलसिला जारी, बाईपास बनने से ही रुकेंगी ये कंकाल मौतें  ! सरकार और किसानों को मिल बैठकर शांतिपूर्वक ढंग से निपटाना चाहिए यह मुद्दा,अखिल भारतीय किसान महासंघ सदैव है किसानों के साथ है।

(Bastar Special) बाईपास रोड कोंडागांव के भूमि अधिग्रहण से प्रभावित डोगरीगांव ,पलारी, मसोरा, कोंडागांव आदि गांवों पीड़ित किसानों का एक बड़ा दल दल ब मकल अखिल भारतीय किसान महासंघ (आइफा) के राष्ट्रीय संयोजक, देश के दिग्गज किसान नेता डॉ राजाराम त्रिपाठी से मिला।

(Bastar Special) पीड़ित किसानों का कहना है कि कोंडागांव बाईपास रोड के लिए शासन हमारी भूमि अधिग्रहित कर रहा है । हम लोग भी विकास के खिलाफ नहीं हैं और हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द बाईपास बने।लेकिन हमारे पुरखों की अमानत जमीनों को शासन कौड़ियों के मोल अधिकृत कर रहा है,जोकि सरासर अन्याय है।

(Bastar Special) इस संदर्भ में हम किसान सभी अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर चुके हैं पर गरीबों के बारे में कोई कुछ भी सुनने करने को तैयार नहीं है। अंतिम आशा के रूप में हम अपने क्षेत्र के किसान नेता से मिलने आए हैं आज देश के बहुत बड़े किसान नेता हैं और सैकड़ों किसान संगठनों के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, यह हमारे क्षेत्र के हैं इसलिए उनके ऊपर हम लोगों का भी हक बनता है ।

अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी को संबोधित तथा लगभग 100 पीड़ित किसानों के द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पत्र में किसानों ने अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए आईफा तथा सभी किसान संगठनों से उन्हें समर्थन देने तथा न्याय दिलाने की मांग की है।

(Bastar Special) पीड़ित किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के लिए जो नीति तथा दरें तय की गई है वह पक्षपातपूर्ण हैं, बाईपास हेतु भूमि अधिग्रहण में जिस किसान की कम जमीन जा रही है उसे तो ज्यादा पैसा मिल रहा है जबकि जिस किसान की जमीन ज्यादा जा रही है उसे कम पैसे मिल रहे हैं।

तय किया गया भूमि का रेट भी बहुत ही कम है, जो हमें स्वीकार्य नहीं है। प्रभावित किसानों का यह भी कहना है कि उनके पास कृषि जमीनों के अलावा आजीविका का अन्य कोई साधन नहीं है। इसलिए सरकार कृपा कर उनके लिए समुचित वैकल्पिक नियमित रोजगार की व्यवस्था के उपरांत तथा न्यायोचित मूल्य भुगतान करने के उपरांत ही उनकी भूमि का अधिग्रहण करें।

(Bastar Special)  इस संबंध में डॉ त्रिपाठी से हमारे संवाददाता द्वारा बात करने पर डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि बाईपास कोंडागांव की एक बहुप्रतीक्षित अनिवार्य जरूरत है, इसमें पहले ही बहुत देर हो चुकी है और इसके अभाव में तेज रफ्तार वाहनों के कारण नगर में आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में कितनी ही अनमोल जानें जा चुकी हैं, अभी भी नगर में दुर्घटनाओं में अकाल मौतों का यह सिलसिला जारी है।

इसलिए बायपास के शीघ्र अति शीघ्र निर्माण हेतु हम सभी को हर प्रकार से सहयोग देना ही चाहिए। पीड़ित किसानों का यह मामला आज ही उनके सामने आया है,और राष्ट्रीय राजमार्ग भूमि अधिग्रहण के अंतर्गत वर्तमान कानूनी प्रावधानों, मुआवजा नीति तथा तत्संबंधी व्यवस्थाओं के बारे में संपूर्ण अद्यतन जानकारी अभी उन्हें नहीं है इसलिए कक्का कुछ कहना संभव नहीं है।

(Bastar Special)  सर्वप्रथम इससे संबंधित अधिकारियों से तथा विधि विशेषज्ञों से चर्चा करके वास्तविक तथा कानूनी सभी पहलुओं को पहले समझेंगे उसके पश्चात इस मुद्दे पर कुछ कहना और करना उचित होगा। आईफा का स्पष्ट रूप से मानना है कि हमें सदैव यह ध्यान में रखना जरूरी है कि अन्नदाता किसानों को उनका वाजिब हक मिले और उनके साथ कहीं भी, किसी भी स्तर पर अन्याय न होने पाए ।

“अखिल भारतीय किसान महासंघ” आईफा सदैव किसानों के हितों के लिए खड़ा रहा है, और आगे भी हम किसानों के वाजिब मांग तथा उनके हक के लिए सदैव उनके साथ खड़े रहेंगे।

हमारी सलाह यही है कि सरकार और प्रभावित किसानों को मिल बैठकर इस मामले को शीघ्र अति शीघ्र शांतिपूर्ण ढंग से निपटा लेना चाहिए, ताकि कोंडागांव की बहुप्रतीक्षित जरूरत बाईपास रोड जल्द से जल्द तैयार हो, दुर्घटनाओं पर लगाम लगे, अकाल मौतें बंद हों, और अंचल के किसान भी खुशहाल रहें।

 

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