चारामा
विकासखण्ड स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन ग्राम पंचायत भिरौद मे 19 मार्च बुधवार को आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज की नई पीढी एंव सभी को बस्तर में प्रचलित जनजाति, कला, समाज की संस्कृति, पहनावा, खान पान, रीति रीवाजो से अवगत कराना एंव अपनी परम्पराओ की जानकारी रखना था।
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कार्यकम मे मुख्य अतिथि ब्रम्हानंद नेताम पूर्व विधायक, विशेष अतिथि किरण नरेटी अध्यक्ष जिला पंचायत कांकेर, सुमित्रा मारकोले पूर्व विधायक, तेजेश्वरी सिन्हा जिला पंचायत सदस्य, विजय ठाकुर पूर्व अध्यक्ष जनपद पंचायत चारामा, श्रवण दरों मॉझी चालकी चारामा, शिव तुमरेटी जिला उपाध्यक्ष गोंडवाना समाज, हीरासिंग कोला अध्यक्ष गोंडवाना समाज, देवराम ठाकुर अध्यक्ष हल्बा समाज, शशिकांत गंगासागर अध्यक्ष कंवर समाज, ग्राम सरपंच मिथलेश्वरी दरों, सहित सभी ग्राम पंचायतो के सरपंच आदिवासी समाज के पदाधिकारी एंव भाजपा पार्टी के पदाधिकारी एंव कायकर्ता अनुविभागीय अधिकारी एन बंजारा, तहसीलदार सत्येन्द्र शुक्ल शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभांरभ ग्राम की देवी देवताओ की पुजा अर्चना अर्जी विनती कर किया गया। जिसके बाद आये हुए सभी अतिथियो का पारम्पारिक रिवाज से अक्षत लगाकर पटखा पहनाकर महुएँ की माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए गोपाल सिंह कंवर ने शासन की ओर से प्राप्त आयोजन की रूपरेखा की जानकारी देते हुए कहाँ कि इस आयोजन मे आदिवासी समाज की संस्कृति से जुडे विभिन्न आयोजन, नृत्य, वेशभुषा, खानपान एंव अन्य कार्यकम आयोजित होगे, जिसमे विजय प्रतिभागियो को पुरूष्कार भी प्रदान किया जायेगा एवं उनका चयन जिला एव राज्य स्तर पर भी होगा। प्रतिवेदन के बाद उपस्थित अतिथियो ने अपने सम्बोधन में कहाँ कि पंडुम का आयोजन राज्य सरकार की एक अच्छी पहल है क्योकि छग मे आदिवासी समाज की बहुलता है। ऐसे आयोजन से आदिवासी समाज की परम्परा संस्कृति को सभी समाज आम जनमानस एंव नई पीढी तक पहुँचाने एंव खोती हुई परम्पराओ को पुनः जीविति करने मे बल मिलेगा। क्योकि आदिवासी समाज जल जंगल जमीन एवं प्रकृति पुजक है ऐसे में वे अपना परम्परा को प्रकृति से किस तरह से जोडकर रखते है, यह लोगो तक इस कार्यक्रम से पहुँचेगा। बच्चो मे भी अपने समाज की संस्कृति को प्रति लगाव बढेगा। सम्बोधन के बाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमे जनजातिय नृत्य, गीत, नाट्य, जनजातिय वाघ यंत्रो, वेशभुषा, आभूषण का प्रदर्शन, जनजातिय पेय पदार्थो, व्यंजन, रीति रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति, नामकरण संस्कार का प्रदर्शन किया गया। प्रतियोगिता मे सबसे पहले नृत्य प्रतियोगिता हुई, जिसमे विकासखण्ड के विभिन्न आश्रमो मे अध्ययनरत छोटे छोटे बच्चो के द्वारा भव्य नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसमे आदिवासी समाज की विभिन्न झलखिया दिखाई दी।
छोटे छोटे बच्चो के वेशभुषा, नृत्य ने सबका मन मोह लिया। नृत्य के बाद कैटवॉक, नाट्य अन्य प्रतियोगिता देर शाम रात तक सम्पन्न हुई, जिसका आंनद सभी ने लिया एंव आदिवासी समाज की परम्परा को पास से देखा और समझा, आयोजन स्थल पर विभिन्न स्टॉल लगाकर आदिवासी समाज की परम्परा से भी अवगत कराया गया। चयन समिति के द्वारा सभी प्रतिभागियो मे विजयी टीम को अंक प्रदान किये गये। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जनपद पंचायत विभाग सहित स्कुल शिक्षा विभाग के शिक्षक आश्रम शिक्षको का सहयोग रहा।