उच्च कार्यालय के निर्देश का पालन नही कर रहे शिक्षा अधिकारी
संजय सोनी
भानुप्रतापपुर। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज ही कुछ दूरी पर स्थित प्राथमिक शाला सलिहापारा संचालित हो रहा है। जहां पर बच्चों की दर्ज संख्या 37 है, कुल शिक्षक 3 पदस्थ है, जिनमे एक शिक्षक अटैच है। प्राथमिक शाला साल्हे में भी दर्ज संख्या 40 है वहा भी तीन शिक्षक पदस्थ है, जिनमे एक दुर्गुकोदल ब्लाक के शिक्षक अटैच में है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के कड़े निर्देश के बावजूद शिक्षा अधिकारी नियम कायदे को दर किनार करते हुए अपने करीबियों को बचाने के लिए अटैच करके रखे हुए है। भानुप्रतापपुर ब्लाक के स्कूलों में लगभग 25 से 50 शिक्षक अटैच होंगे।
शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्थ करने के लिए सरकार लाख नियम बनाये लेकिन अधिकारियों के द्वारा सही क्रियान्वयन नही किये जाने से योजना सफल होने से पहले ही धराशाही हो जाती है। वर्तमान में शिक्षको के युक्तियुक्तकरण बड़ा उदाहरण है।
बता दे कि वर्तमान में युक्तियुक्तकरण नियम के तहत शिक्षको को अतिशेष सूची निकाला गया जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी एवं ब्लाक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा गलत तरीके से योग्य शिक्षको के सूची निकालते हुए उन्हें अतिशेष बताया गया एवं अपने करीबी शिक्षको को अधिकांश स्कूलों में अटैच कर नाम छुपाने का काम किया गया। इन मामले में कांकेर जिला के भानुप्रतापपुर ब्लाक सुर्खियों में बना हुआ है।
प्राथमिक शाला सलिहापारा में दर्ज संख्या 37 है वहा पर कुल तीन शिक्षक पदस्थ है जिनका नाम तारकेश्वरी नेताम जो प्रधानपाठक है, इनके अलावा गंगा कोमरे प्रधानपाठक अटैच,एवं कुसुमलता शर्मा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गंगा कोमरे आसुलखार क्षेत्र के आस-पास किसी प्राथमिक स्कूल में प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ है। साहब के करीबी होने के कारण इन्हें सलिहापारा प्राथमिक स्कूल में अटैच किया गया है। जबकि
प्रधानपाठक को अटैच करने का प्रावधान ही नही है।
प्राथमिक शाला साल्हे में दर्ज संख्या 40 है लेकिन वहां भी तीन शिक्षक पदस्थ है। रवि शंकर यादव प्रधानपाठक, दुलारी कोमिया सहायक शिक्षक एवं लेमेस खरे जो शिक्षक हड़फड़ दुर्गुकोदल ब्लाक में मूल पदस्थापना है जिन्हें साल्हे प्राथमिक शाला में अटेच किया गया है।