अपर कलेक्टर बोले – जल्द होगी बेदखली की कार्रवाई
बलरामपुर। जिले में सेवानिवृत्ति के बाद भी कई अधिकारी-कर्मचारी सरकारी आवास खाली करने को तैयार नहीं हैं। इस वजह से नए पदस्थ और वास्तविक जरूरतमंद कर्मचारियों को सरकारी सुविधा न मिलकर निजी मकानों में किराए से रहना पड़ रहा है।

सरकारी आवास बने निजी ठिकाना
सूत्रों के अनुसार, महीनों पहले रिटायर हो चुके कई कर्मचारी अब भी सरकारी क्वार्टर पर काबिज़ हैं। इनमें वाड्रफनगर के डॉ. आर.बी. प्रजापति का नाम प्रमुख है, जिन्हें सेवानिवृत्त हुए एक साल से अधिक हो गया है। इसके बावजूद वे सरकारी निवास में रहकर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं।
संरक्षण के चलते बढ़ रही समस्या
स्थानीय कर्मचारियों का कहना है कि उच्च अधिकारियों के संरक्षण में यह स्थिति बनी हुई है। इसके कारण नए पदस्थ अधिकारियों को कई-कई महीनों तक या तो सर्किट हाउस में रहना पड़ता है या फिर किराए के मकानों का सहारा लेना पड़ता है।
प्रशासन की सख्ती की तैयारी
इस पूरे मामले पर जब जिले के अपर कलेक्टर से चर्चा की गई तो उन्होंने माना कि स्थिति गंभीर है। उन्होंने बताया कि सभी विकासखंडों में आवंटन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और बहुत जल्द बेदखली की कार्रवाई शुरू की जाएगी।