0 नम आंखो से दी भगवान अयप्पा को विदाई
बचेली- (दुर्जन सिंह)। लौह नगरी बचेली में स्थित अयप्पा मंदिर में 41 दिवसीय मण्डल व्रत पूजा का समापन 26 दिसंबर, गुरूवार को हुआ। अंतिम दिन सैकड़ो की संख्या में श्रद्वालु मंदिर पहुॅचे। इस पूजा का आयोजन केरल राज्य मलयालम समाज के द्वारा किया जाता है। मण्डलव्रत पूजा के अंतिम दिन रेल्वे काॅलोनी के शिव मंदिर में पूजा पश्चात श्रद्वालुओ द्वारा हाथो में दीया लेकर शहनाई बजाते हुए रेल्वे काॅलोनी के शिव मंदिर से भगवान अयप्पा की झांकी निकाली गई।। रथ को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया था। इस दौरान जमकर गाॅजे-बाजे व आतिशबाजी की गई। अंत मंें झांकी अयप्पा मंदिर पहुॅची। तत्पश्चात अयप्पा मंदिर में विशेष मण्डलपूजा की गई। हजारो की संख्या मंे उपस्थित श्रद्वालुओ को गुड़ व चावल से बना प्रसाद वितरण किया गया। मंदिर को फूलो व आकर्षक झालर लाईटो के साथ सजाया गया।
इसी पूजा के साथ मंदिर का पट बंद कर दिया गया। दुबारा तीन दिवसीय जनवरी 2025 माह में मकर संक्राति के उपलक्ष्य में मंदिर का पट खुलेगा। इस पूजा का शुभारंभ 16 नवंबर को हुआ थ। भक्तगणो ने महाअन्नदान पर चावल, गुण, तेल, दाल के अलावा रूपये का भी दान किये। केरल राज्य के आवलापुरा जिला के कृष्णावरम ग्राम के रहने वाले पंडित वासुदेवन पेाटी द्वारा पिछले 19 वर्षो से 41 दिवसीय मण्डल व्रत पूजा किया जा रहा है।
इस पूजा में सभी भक्त 41 दिन तक सुबह-शाम पूजा मंे शामिल हुए और मण्डलव्रत पूजा में विशेष योगदान रहा। हर शनिवार को शनिदेव का विषेश पूजा किया जाता था। सोमवार व शनिवार को गणेश पूजा भी किया जाता था। कहा जाता है कि सच्चे मन शनिदेव की पूजा करने पर मनोकामना पूर्ण होती है। इतने कड़ाके की ठंड में भी भक्त सुबह-शाम पूजा में शामिल होते थे। अंतिम दिन भक्तो ने नम आॅखो से भगवान अयप्पा को विदाई दी।