(Assam Government) डंडे से समाज सुधार

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(Assam Government) दीर्घकालिक दुष्परिणामों की तनिक भी फिक्र नहीं

(Assam Government) सरमा को खुद से पूछना चाहिए कि मध्य और समृद्ध वर्ग के परिवारों में बाल विवाह क्यों नहीं होते? जिन समस्याओं का संबंध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से है, उनका हल डंडे के जोर से ढूंढना एक अतार्किक नजरिया है।

हर भावनात्मक और सामाजिक मामले को सियासी हथियार बनाने का भारतीय जनता पार्टी का उत्साह इतना ज्यादा है कि इसके फौरी और दीर्घकालिक दुष्परिणामों की वह तनिक भी फिक्र नहीं करती है। उसका यह उत्साह फिलहाल असम में देखने को मिल रहा है, जहां के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा उग्रता की होड़ में आगे निकलने का कोई मौका नहीं चूकते। अब उन्होंने बाल विवाह रोकने के नाम पर असम एक बड़ी सामाजिक समस्या खड़ी कर दी है। सैकड़ों कमउम्र लड़कियों का इस वजह से भविष्य खतरे में पड़ गया है, क्योंकि उनके नव-विवाहित पतियों को जेल भेज दिया गया है।

(Assam Government) इस तरह जो लोग अज्ञान, गरीबी और पारंपरिक पिछड़ेपन के शिकार हैं, उन्हें ही इसकी सजा भुगतने को भी कहा जा रहा है। क्या यह प्रश्न इस मौके पर नहीं उठाया जाना चाहिए कि अगर सरकारों ने संवैधानिक वायदे के मुताबिक सबकी शिक्षा और सबके जीवन स्तर में सुधार को सुनिश्चित किया होता, तो आज लाखों कमउम्र लडक़े-लड़कियां उस सपने से वंचित नहीं होते, जिसकी वजह से वे छोटी उम्र में विवाह का बोझ उठाने को तैयार हो जाते हैं? सरमा को खुद से पूछना चाहिए कि मध्य और समृद्ध वर्ग के परिवारों में बाल विवाह क्यों नहीं होते?

(Assam Government) जिन समस्याओं का संबंध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से है, उनका हल डंडे के जोर से ढूंढना एक अतार्किक नजरिया है। गौरतलब है कि असम सरकार ने राज्य में होने वाले “बाल विवाह, प्रसव के दौरान माताओं और नवजात शिशुओं की ऊंची मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए” अभियान चलाया है।

इसके तहत 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम और 14 से 18 साल तक की उम्र वाली लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम- 2006 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि असम सरकार राज्य में बाल विवाह की सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प है। लेकिन अगर वे इस संकल्प को पूरा करने के लिए शिक्षा, जागरूकता और परिवारों के आर्थिक सशक्तीकरण का अभियान चलाते, तो सारे देश में उनकी भावना की तारीफ होती। फिलहाल ऐसा करने की कोई वजह नहीं।

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