:विनोद कुशवाहा:
बिलासपुर। अस्मिता खेलो इंडिया वूशु कार्यक्रम का शुभारंभ नवंबर महीने में नेहरू नगर सामुदायिक भवन में उत्साहपूर्ण माहौल के बीच आयोजित किया गया। आयोजन में बड़ी संख्या में बच्चों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों ने हिस्सा लिया।

वूशु आज के समय में बच्चों के संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए एक प्रभावी और लोकप्रिय खेल बनकर उभर रहा है। यही कारण है कि बालक और बालिका दोनों वर्ग में वूशु मार्शल आर्ट्स के प्रति उत्साह तेजी से बढ़ रहा है।कार्यक्रम में प्रशिक्षकों ने बताया कि वूशु के माध्यम से बच्चे न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी अधिक सतर्क, आत्मविश्वासी और अनुशासित होते हैं।
वूशु में लाठी, तलवार, तथा विभिन्न सेल्फ डिफेंस तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है, जो बच्चों को आत्मरक्षा में सक्षम बनाता है। खास तौर पर अभिभावकों का रुझान अपनी बच्चियों को सुरक्षित और प्रभावी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दिलाने की दिशा में बढ़ा है।

अभिभावकों का कहना है कि वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा सीखना बेहद आवश्यक है, और वूशु ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी को पूरी तरह शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। प्रशिक्षण से बच्चों की एकाग्रता, सहनशक्ति और आत्मअनुशासन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षकों ने वूशु के महत्व और इसके जरिए बच्चों के भविष्य निर्माण की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। आयोजन समिति ने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक बच्चों को इस प्रशिक्षण से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि वूशु के माध्यम से सुरक्षित, आत्मविश्वासी और स्वस्थ युवा पीढ़ी तैयार हो सके।